कूनो पार्क में प्रेग्नेंट थी चीता आशा लेकिन तनाव के चलते हुआ गर्भपात

Cheetah Asha Pregnant: नामीबिया से भारत आने के बाद चीता आशा उम्मीद की किरण थी। कहा जा रहा था कि आशा गर्भवती है लेकिन यह उम्मीदें टूट गए हैं। तनाव की वजह से आशा का गर्भपात हो गया है। आशा अभी छोटे बाड़े में ही है। इसका नामकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

भोपाल: चीता आशा (cheetah asha news) गर्भवती थी, जब उसे नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क में स्थानांतरित किया गया था लेकिन तनाव के कारण उसका गर्भपात हो गया है। ऐसा चीता कंजर्वेशन फंड का मानना है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने 31 सितंबर को चीता के गर्भवती होने की रिपोर्ट की थी। इसे लेकर अधिकारियों में भ्रम की स्थिति थी। गर्भवती होने की अवधि पूरा होने के बाद ही इस पर सस्पेंस खत्म हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशा का नामकरण किया था।
आशा नामबिया से आई उन आठ चीतों में से एक है, जिन्हें 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। कूनो लाने से पहले नामीबिया में जब उसके स्वास्थ्य की जांच की गई थी, तब भ्रूण के लक्षण दिखाई दिए थे, हालांकि कूनो लाए जाने के बाद भी गर्भ की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई थी क्योंकि यहां परीक्षण सुविधाओं का अभाव है।
एमपी वन विभाग के अधिकारियों ने इस मसले में बेहद सावधानी बरती है। सीसीएफ के संस्थापक और कार्यकारी निदेशकर डॉ लॉरी मार्क ने आशा की गर्भावस्था के जवाब में कहा कि चूंकि आशा को जंगल से आए 100 दिन हो चुके हैं और चीतों के लिए गर्भधारण की अवधि 93 दिन है, हमें लगता है कि यह कहना सुरक्षित है कि वह ऐसा करेगी। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि यह कहना सुरक्षित है कि उसके पास अब शावक नहीं होंगे। अगर उसने क्वारंटीन में जन्म दिया होता तो परिवार को समय देने के लिए वह कुछ समय तक वहीं रहती और कुछ महीनों तक ऐसा ही होता। ऐसे में शावक भी आशा को फॉलो करते।

डॉ मार्कर ने कहा कि आशा गर्भवती थी, जब उन्होंने उसे पकड़ा था। लेकिन यह जल्दी थी और हमने मान लिया कि तनाव के कारण उसका गर्भपात हो गया है। यह अक्सर गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में चीतों का साथ होता है। उन्होंने कहा कि सीसीएफ कर्मचारियों ने प्रबंधन टीम के साथ मिलकर उन क्षेत्रों में सुझाव देने पर काम शुरू किया है कि कैसे चीतों को तनाव से मुक्त रखा जाए। वह फिर से अगले चरण में पुनरुत्पादन प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ें।

गौरतलब है कि शनिवार को कूनो नेशनल पार्क में दो चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा गया है। साथ ही उनकी निगरानी की जा रही है। उनके व्यवहार को देखते हुए बाकी चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा। हालांकि आशंका है कि चीतों को तेंदुओं से खतरा है। इसका भी वन विभाग को ध्यान रखना होगा। बड़े बाड़े में जाने के बाद चीतों के व्यवहार में क्या बदलाव आएगा। इसका भी ध्यान रखा जाएगा।