Namibian Cheetahs in India : फिलहाल दुनिया में चीते की मौजूदगी दक्षिणी अफ्रीकी देश जैसे दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना और जिम्बाब्वे में है, जहां वे प्राकृतिक माहौल में रहते हैं। उन्हें लाते समय यह देखा गया कि ये चीते दक्षिण अफ्रीका में जिस तरह के माहौल में रहते हैं, वैसा ही माहौल उन्हें यहां दिया जाए।
एक भारतीय न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए भावुक नदैतवा ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने सभी जरूरतों को पूरा कर लिया है जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि हम उन चीतों को निर्यात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि भारतीय इन जानवरों की अच्छे से देखभाल करेंगे। ये हमें बहुत प्यारे हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि नामीबिया ‘चीतों की राजधानी’ है।’ चीतों को 15 अगस्त से पहले एक विशेष उड़ान से भारत लाया जाएगा और मध्य प्रदेश के कुनो वन्यजीव अभयारण्य में रखा जाएगा।
अफ्रीकी देशों में है चीते की मौजूदगी
फिलहाल दुनिया में चीतों की मौजूदगी दक्षिणी अफ्रीकी देश जैसे दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना और जिम्बाब्वे में है, जहां वे प्राकृतिक माहौल में रहते हैं। उन्हें लाते समय यह देखा गया कि ये चीते दक्षिण अफ्रीका में जिस तरह के माहौल में रहते हैं, वैसा ही माहौल उन्हें यहां दिया जाए। इसी को ध्यान में रखते पाया गया कि भारत का कूनो नेशनल पार्क उनके प्राकृतिक रिहाइश के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल है।
113 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम
चीतों को बसाने के पीछे मकसद सिर्फ एक लुप्त प्रजाति को लाना भर नहीं है, बल्कि इसके जरिए भारत सरकार की कोशिश जैव विविधता के लिहाज से पर्यावरणीय संतुलन को विकसित करना भी है। नामीबिया के साथ करार के बाद 70 साल में पहली बार भारत चीतों का घर बनेगा। 1952 में भारत की स्वदेशी आबादी को आधिकारिक रूप से विलुप्त घोषित किए जाने के दशकों बाद इनकी वापसी हो रही है। चीता दुनिया का सबसे तेज जानवर होता है जो 113 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है।