Bihar News: छठ पर्व को लेकर औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध सौर तीर्थ स्थल देव पहुंच रहे हैं। भोजपुर के उदवंतनगर प्रखंड में स्थित मौनी बाबा सूरज मंदिर में भी व्रतियों की जुटना जारी है। इसी बीच हम भोजपुर के आदित्य के बारे में बता रहे हैं, जो 4 साल की उम्र से छठ व्रत का अनुष्ठान कर रहे हैं।
भोजपुर: लोक आस्था के महापर्व छठ को पूरे बिहार में धूमधाम से मनाया जा रहा है। भोजपुर के उदवंतनगर प्रखंड में बेलाउर गांव स्थित मौनी बाबा सूरज मंदिर में छठ पर बड़ी संख्या में व्रती पहुंच रहे हैं। यहां छठव्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य समर्पित करते हैं। छठ पर्व के मौके पर यहां लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है। यहां के विशाल पोखर में खड़े होकर भगवान भास्कर को व्रती अर्घ्य देते हैं। इस मंदिर की महत्ता भक्तों के बीच काफी है तभी तो हर वर्ष यहां मनोकामना सिक्के लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
मौनी बाबा सूर्य मंदिर बेलाउर में जुटने लगे हैं छठ व्रती
इस मंदिर की स्थापना परम सिद्ध संत मौनी बाबा ने किया था और इसके बारे में कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित भगवान भास्कर की मूर्ति को लेने के लिए मौनी बाबा और जोधपुर के राजा के बीच ठन गई थी। मामला न्यायालय में पहुंच गया था। बाद में कोर्ट ने संगमरमर से चढ़ी भगवान भास्कर के मूर्ति को मौनी बाबा को देने का आदेश दिया था। तब जाकर पूरे विधि विधान के साथ 52 बीघे के पोखर में स्थित मंदिर में इसकी स्थापना की गई थी। जिला मुख्यालय आरा से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस मंदिर में लोग पहुंचने शुरू हो गए हैं।
4 साल की उम्र से छठ पूजा कर रहे 18 वर्षीय आदित्य
बिहार के भोजपुर में बिन्दगांवा निवासी रामलखन सिंह बेटे आदित्य भी छठ पर्व कर रहे हैं। हालांकि, आदित्य की कहानी थोड़ी अलग है। जिस उम्र में बच्चे छठ पर्व की खुशियां मनाते हैं उस उम्र से आदित्य छठ व्रत का कठिन अनुष्ठान कर रहे हैं।आदित्य पिछले 14 साल से लगातार छठ का कठिन व्रत करते आ रहे। जब वह मात्र चार साल के थे तभी से छठ पूजा करने लगे। आदित्य कहते हैं कि 14 साल से लगातार छठ व्रत कर रहा हूं। इस बार भी छठी मइया का अनुष्ठान कर रहा हूं।
छठ के दूसरे दिन व्रतियों ने किया खरना, औरंगाबाद देव में जुटे श्रद्धालु
छठ व्रत के दूसरे दिन शनिवार को औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध सौर तीर्थ स्थल देव पहुंच रहे हैं। हजारों की संख्या छठव्रती यहां पूजा कर रहे हैं। वहीं जिले के कोने-कोने में ये व्रती देर शाम खरना पूजन किया। खरना पूजन के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया है। व्रतियों ने खरना के लिए गुड़ की खीर बनाई। भगवान भाष्कर की आराधना करते हुए उन्हें अर्पित किया। इसके बाद प्रसाद स्वरूप ग्रहण कर मित्रों को खरना का प्रसाद खिलाया।
मान्यता के अनुसार व्रतियों ने आज के दिन नमक और अन्य अनाज को हाथ भी नहीं लगाया और शाम होने पर गुड़ की खीर का प्रसाद बना कर व्रती महिलाओं ने पूजा करने के बाद अपने दिन भर का उपवास खोला। फिर इस प्रसाद को सभी में बांटा। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हुआ। खरना को शुद्धिकरण के रूप में लिया जाता है। यही वजह है कि इस दिन पवित्रता और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। साथ ही इस दिन खरना का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही बनाया जाता है। खरना के दिन छठ का प्रसाद ठेकुआ भी आज के दिन ही तैयार किया जाता है।
देव में छठ मेले का उद्घाटन
औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध भगवान भास्कर की नगरी देव में छठ मेले का उद्घाटन हो गया। सूबे के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री (जिला प्रभारी मंत्री) आलोक कुमार मेहता ने देव गढ़ किला के निकट मेले का उद्घाटन किया। इसमें सदर विधायक आनंद शंकर, गोह विधायक भीम कुमार, नबीनगर विधायक डब्लू सिंह, जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल और एसपी कांतेश कुमार मिश्रा शामिल हुए।