Chhattisgarh By Polls: लगातार पांच हार…. छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के सामने पस्त क्यों है बीजेपी?

Bhupesh Baghel Vs BJP: छत्तीसगढ़ में बीजेपी लगातार पांच उपचुनाव में हार गई है। 2018 में सत्ता गंवाने के बाद छत्तीसगढ़ में भी एक भी उपचुनाव नहीं जीत पाई है। मिशन 2023 से पहले पार्टी की स्थिति को देखकर यह सवाल उठ रहा है कि बीजेपी वहां भूपेश बघेल के सामने पस्त क्यों हैं।
bhupesh baghel
रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर उपचुनाव का रिजल्ट कांग्रेस के पक्ष में चला गया। प्रदेश में 15 साल बीजेपी की सत्ता के बाद पावर में आई कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में मजबूती के साथ खड़ी रही है। नतीजा यह हुआ कि छत्तीसगढ़ में बीते 4 सालों में हुए सभी उपचुनाव में बीजेपी (BJP five consecutive defeats in chhattisgarh) को हार का सामना करना पड़ा है। भूपेश बघेल के सामने छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सारी रणनीति अभी तक असफल साबित हुई है। मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी पार्टी ने कई बदलाव किए हैं। इसके बावजूद भानुप्रतापपुर में सफलता नहीं मिली है। कांटे की टक्कर में बीजेपी यहां तीसरे नंबर पर चली गई है।

कांग्रेस के पास 71 विधायक

2018 के विधानसभा चुनाव में 15 साल बाद बीजेपी छत्तीसगढ़ को गवां बैठी। कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई। हालांकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस खास कमाल नहीं दिखा पाई थी। प्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में कांग्रेस का दम दिखा है। साथ ही तमाम विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस को जीत मिली है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास 70 विधायक है। भानुप्रतापपुर उपचुनाव के नतीजे के साथ ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास अब 71 विधायक हो गए हैं।भूपेश बघेल के सामने सारी रणनीति फेलछत्तीसगढ़ में बीजेपी अपनी खोई जमीन को वापस पाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। बीते दिनों संगठन में अमूलचूल बदलाव किया गया था। प्रदेश प्रभारी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक बदल दिए गए। भूपेश बघेल की रणनीति के आगे ये सारे दांव अभी सफल साबित नहीं हुए हैं। कथित तौर पर बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम रमन सिंह खेमे को खत्म कर दिया है। इसके बावजूद कुछ खास कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है।

सभी उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली

छत्तीसगढ़ में सत्ता आने के बाद जितने भी उपचुनाव हुए हैं, उसमें कांग्रेस को बड़े अंतराल से जीत हासिल हुई है। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में यह पांचवा उपचुनाव है। पहला उपचुनाव दंतेवाड़ा से बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद कराया गया। दीपक बैज के सांसद चुन लिए जाने पर चित्रकोट में नया विधायक चुना गया। अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही विधानसभा में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को बड़े अंतराल से जीत हासिल हुई थी। उसके बाद खैरागढ़ की सीट से देवव्रत सिंह के निधन के बाद भी कांग्रेस जीती थी और अब भानुप्रतापपुर में हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस भाजपा को हराकर जीत का सिलसिला जारी रखी है।

मिशन 2023 पर सवाल

लगातार पांच उपचुनाव में बीजेपी को हार मिली है। इससे साफ है कि बीजेपी के मिशन 2023 आसान नहीं है। पार्टी अभी भी कई कमियों से जूझ रही है। आने वाले दिनों में पार्टी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। वहीं, भूपेश बघेल अभी चुनावी मोड में हैं। अब वह रायपुर में कम और जिलों में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के जरिए लोगों से ज्यादा संवाद करते दिखते हैं। ऐसे में बीजेपी को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने की जरूरत है।