कांग्रेस के पास 71 विधायक
2018 के विधानसभा चुनाव में 15 साल बाद बीजेपी छत्तीसगढ़ को गवां बैठी। कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई। हालांकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस खास कमाल नहीं दिखा पाई थी। प्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में कांग्रेस का दम दिखा है। साथ ही तमाम विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस को जीत मिली है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास 70 विधायक है। भानुप्रतापपुर उपचुनाव के नतीजे के साथ ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास अब 71 विधायक हो गए हैं।भूपेश बघेल के सामने सारी रणनीति फेलछत्तीसगढ़ में बीजेपी अपनी खोई जमीन को वापस पाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। बीते दिनों संगठन में अमूलचूल बदलाव किया गया था। प्रदेश प्रभारी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक बदल दिए गए। भूपेश बघेल की रणनीति के आगे ये सारे दांव अभी सफल साबित नहीं हुए हैं। कथित तौर पर बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम रमन सिंह खेमे को खत्म कर दिया है। इसके बावजूद कुछ खास कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है।
सभी उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली
छत्तीसगढ़ में सत्ता आने के बाद जितने भी उपचुनाव हुए हैं, उसमें कांग्रेस को बड़े अंतराल से जीत हासिल हुई है। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में यह पांचवा उपचुनाव है। पहला उपचुनाव दंतेवाड़ा से बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद कराया गया। दीपक बैज के सांसद चुन लिए जाने पर चित्रकोट में नया विधायक चुना गया। अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही विधानसभा में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को बड़े अंतराल से जीत हासिल हुई थी। उसके बाद खैरागढ़ की सीट से देवव्रत सिंह के निधन के बाद भी कांग्रेस जीती थी और अब भानुप्रतापपुर में हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस भाजपा को हराकर जीत का सिलसिला जारी रखी है।
मिशन 2023 पर सवाल
लगातार पांच उपचुनाव में बीजेपी को हार मिली है। इससे साफ है कि बीजेपी के मिशन 2023 आसान नहीं है। पार्टी अभी भी कई कमियों से जूझ रही है। आने वाले दिनों में पार्टी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। वहीं, भूपेश बघेल अभी चुनावी मोड में हैं। अब वह रायपुर में कम और जिलों में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के जरिए लोगों से ज्यादा संवाद करते दिखते हैं। ऐसे में बीजेपी को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने की जरूरत है।