Difference Between Chief Justice And Supreme Court Judge: दोनों ही जजों को संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड 2 के तहत नियुक्त किया जाता है।
सर्वोच्च न्यायालय भारत का सर्वोच्च ज्यूडिशियल बॉडी है। सुप्रीम कोर्ट का नेतृत्व चीफ जस्टिस के साथ सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश करते हैं। अक्सर हम चीफ जस्टिस (
Chief Justice Of India) और सुप्रीम कोर्ट के जजों (Supreme Court Judges) के मध्य कंफ्यूज हो जाते हैं क्योंकि दोनों ही सुप्रीम कोर्ट के जज होते हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति देश के राष्ट्रपति द्वारा ही किया जाता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों और चीफ जस्टिस में अंतर (Difference Between Chief Justice And Supreme Court Judge) है। आइए इस अंतर के विषय में विस्तार से जान लेते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में पहले 1 चीफ जस्टिस और 7 अन्य जजों का चुनाव होता था लेकिन बाद में जजों की इस संख्या को बढ़ाकर 34 कर दिया गया। नीचे चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच अंतर को स्पष्ट किया गया है।
चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के जजों में अंतर
1- दोनों ही जजों को संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड 2 के तहत नियुक्त किया जाता है।
2- राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों के परामर्श से चीफ जस्टिस की नियुक्ति करता है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ अनिवार्य परामर्श के बाद की जाती है।
3- चीफ जस्टिस अक्सर सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज हो सकते हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों के रूप में चयनित होने के लिए व्यक्ति को 5 साल के लिए उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या 10 साल के लिए एक वकील होना आवश्यक है।\
4- चीफ जस्टिस वह मामलों के आवंटन और संवैधानिक पीठों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार है जो कानून के महत्वपूर्ण मामलों से निपटते हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज अपने आवंटित मामले प्राप्त करते हैं और उनमें से प्रत्येक के निर्णय की अध्यक्षता करते हैं।
5- CJI रोस्टर के रखरखाव, अदालत के अधिकारियों की नियुक्ति और सुप्रीम कोर्ट के पर्यवेक्षण और कामकाज से संबंधित सामान्य और विविध मामलों के लिए जिम्मेदार है। वहीं अन्य जजों को भारत के चीफ जस्टिस द्वारा उन्हें सौंपे गए कार्यों को पूरा करना होता है।
6- यदि चीफ जस्टिस कार्यालय से अनुपस्थित है या अस्थायी रूप से अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम नहीं है तो इस स्थिति में भारत मे एक एक्टिंग चीफ जस्टिस उसके स्थान पर कार्य करेगा।