हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज प्रदेश सचिवालय शिमला में नीति आयोग के सदस्यों के साथ मिलकर पोषण अभियान को किस तरह से प्रदेश में और सशक्त तरीके से चलाया जाए उसको लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की, बैठक में नीति आयोग के सदस्य डॉ पॉल से साथ बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास को किस तरह से विकसित किया जाए तथा आंगनवाड़ी में बच्चों को पोषण आहार के तहत क्या कुछ वितरण किया जाए इस पर भी गंभीरता से चर्चा की गई । साथ ही आज की बैठक में देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिकरों तथा हिमाचल प्रदेश मैं बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए टेस्टिंग बढ़ाने का भी फैसला लिया गया तथा कोरोना के नियमों को शक्ति से लागू करने पर भी चर्चा की गई । हालांकि हिमाचल प्रदेश कोरोना टीकाकरण में देश के अन्य राज्यों से अभी भी पहले स्थान पर है परंतु टीकाकरण लगाकर यह सुनिश्चित कर लेना कि अब वह कोरोना से बच गए हैं यह उचित नहीं है कोरोना के नियमों का सख्ती से अभी भी पालन करना आवश्यक है ।
पोषण अभियान की बैठक के बाद पोषण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश सचिवालय में बुलाई बैठक में विशेष रूप से नीति आयोग की टीम ने जिसमें डॉ पॉल मौजूद हैं उन्होंने बैठक में हिस्सा लिया और आने वाले समय में बच्चों में किस तरह का पोषण हो उसको लेकर रोड मैप तैयार किया जा रहा है ताकि बच्चों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से सशक्त बनाया जा सके । इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पोषण अभियान के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में नए कोरोना वेरिएंट ओमिकरों पर भी चर्चा की गई उन्होंने बताया कि हालांकि यह कोरो ना काशी एक हिस्सा है जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है लेकिन सजग होकर रहने की आवश्यकता है तीनों मूल मंत्र का पालन करना अभी भी उतना ही अनिवार्य है जितना कोरोना की पहली तथा दूसरी लहर के समय था । मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में पूर्ण संक्रमित बच्चों का होना चिंता का विषय है तथा इस विषय में भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है उन्होंने कहा कि बढ़ते मामलों को देखते हुए कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाई जाएगी और ट्रैवल हिस्ट्री पर भी नजर रखी जाएगी ताकि अन्य लोग संक्रमित ना हो ।
वही आने वाले शीतकालीन सत्र को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण सत्र है और विपक्ष द्वारा पूछे गए हर सवाल का जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष पूरी तरह से तैयार है बीते 4 सालों में भी शांतिपूर्ण ढंग से सत्र चले इसका प्रश्न सरकार करती रही है ।