Child Marriage: 21वीं सदी में भी नहीं रुक रहे बाल विवाह, कर्नाटक सबसे आगे तो इस राज्य में कोई भी केस नहीं हुआ दर्ज

2021 में 1,050 बाल विवाह दर्ज किए गए जो 2020 के आंकड़े से बहुत अधिक हैं।

  • बाल विवाह एक सामाजिक समस्या

    बाल विवाह एक सामाजिक समस्या

    देश में बाल- विवाह का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि देश में इसके खिलाफ कई कानून बन गए हैं लेकिन इन कानूनों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से कम उम्र में शादी की जा रही है। कई राज्य ऐसे हैं जहां 21 की उम्र पार करने से पहले ही शादी करा दी जाती है वहीं कई राज्य ऐसे भी हैं जहां लोग 21 वर्ष के बाद ही शादी कर रहे हैं।

     

  • 2020 के मुकाबले 2021 में 34 फीसदी वृद्धि

    2020 के मुकाबले 2021 में 34 फीसदी वृद्धि

    2021 में 1,050 बाल विवाह दर्ज किए गए जो 2020 के आंकड़े से बहुत अधिक हैं। 2020 में यह आंकड़ा 782 था जिसका मतलब है कि पिछले वर्ष से 34 फीसदी अधिक। हर दिन 3 बाल-विवाह हो रहे हैं। 21वीं सदी में भी ये आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं।

     

  • बाल विवाह में कर्नाटक को पहला स्थान

    बाल विवाह में कर्नाटक को पहला स्थान

    बात अगर डेटा की हो तो वर्ष 2011 से लेकर 2021 तक बाल-विवाह के सबसे अधिक कर्नाटक में 849 मामले दर्ज दर्ज हुए हैं वहीं दूसरे स्थान पर तमिलनाडु में 649 केस, पश्चिम बंगाल में 619 केस और असम में 596 केस दर्ज किए गए। वहीं महाराष्ट्र, तेलंगाना और हरियाणा में 200 से अधिक केस दर्ज किए गए।

     

  • बिहार, उत्तीसगढ़ में हो रहा सुधार

    बिहार, उत्तीसगढ़ में हो रहा सुधार

    बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के बावजूद छत्तीसगढ़,बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश में 2020 और 2021 में बाल-विवाह के बेहद कम केस दर्ज किए गए। कर्नाटक इस अपराध के मामले में हमेशा आगे ही रहा है।

  • इन नॉर्थ ईस्ट स्टेट में दर्ज नहीं हुआ कोई केस

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    इन नॉर्थ ईस्ट स्टेट में दर्ज नहीं हुआ कोई केस

    सबसे खास बात यह है कि नॉर्थ ईस्ट इंडियन स्टेट में अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड और सिक्कम में कोई केस दर्ज नहीं किया गया जबकि 5 साउथ इंडियन राज्य में कुल केस का 45 फीसदी दर्ज हुआ। ध्यान देने वाली बात यह है कि एनसीआरबी केवल उन्हीं आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट बनाता है जो थाने में दर्ज किए जाते हैं।