खिलौने बनाते बच्चे, लहलहाते लीची-नींबू के पौधे… UP में आंगनबाड़ी की ऐसी तस्वीर नहीं देखी होगी

  • ​क्यों अलग है?

    ​क्यों अलग है?

    रामपुर के मानपुर ओझा का आंगनबाड़ी केंद्र कुछ समय पहले तक बदहाल स्थिति में था। ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से परिषदीय स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प योजना के तहत सुधार करने की योजना बनाई गई। इस कार्य को सबसे पहले मानपुर ओझा ग्राम पंचायत की ओर से पूरा किया गया। न सिर्फ आंगनबाड़ी केंद्र में भौतिक सुख सुविधाओं का विस्तार हुआ, बल्कि परिसर में एक पोषण वाटिका भी तैयार की गई है।

    ​पोषण वाटिका में लगे नींबू और लीची के पौधे

    ​पोषण वाटिका में लगे नींबू और लीची के पौधे

    आंगनबाड़ी परिसर में लीची और नींबू के पेड़ लहलहा रहे हैं। इसके साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर सहजन के पौधे भी लगाए गए हैं, जिसका प्रयोग आने वाले कुछ ही दिनों में आंगनबाड़ी केंद्र पर पढ़ने वाले बच्चों को मिलेगा।

     

    ​मिट्टी के खिलौने बनाकर निखर रही प्रतिभा

    ​मिट्टी के खिलौने बनाकर निखर रही प्रतिभा

    मानपुर ओझा आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे खेल-खेल में ही मिट्टी के खिलौने बनाना भी सीख चुके हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र उन केंद्रों में से एक है, जो विभागीय कार्यक्रमों और समय-समय पर प्रशासनिक स्तर से दिए गए दायित्वों के निर्वहन के लिए अन्य केंद्रों की भांति अग्रणी भूमिका निभाता है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री सपना राय ने बताया कि केंद्र में विद्युत कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध है जिससे पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था और पंखा आदि संसाधनों से बेहतर माहौल है

    सेहत का खास ध्यान

    सेहत का खास ध्यान

    बच्चों के बैठने के लिए प्लास्टिक की कुर्सी और वजन मशीन सहित पोषण ट्रैक करने के लिए जरूरी अन्य तकनीकी संसाधन भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं, जिससे स्थानीय गर्भवती महिला, किशोरी, धात्री महिला और तीन से छह वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी निर्धारित मानकों के अनुरूप करने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

    क्रिएटिविटी बढ़ाने के उपाय

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    क्रिएटिविटी बढ़ाने के उपाय

    बच्चों को विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी से जोड़ने के लिए मिट्टी के खिलौने तैयार कराए जाते हैं ताकि बच्चों में क्रिएटिविटी का भाव पैदा हो सके।