चीन ने धरतीवसियों को फिर डाला खतरे में, अंतरिक्ष से जमीन पर गिरेगा 25 टन वजनी रॉकेट मलबा

China Space Debris Threat to Earth : चीन के स्पेस रॉकेट का मलबा कहां गिरेगा, फिलहाल इसकी सटीक जानकारी नहीं है। लेकिन इसके अमेरिका, अफ्रीका, भारत और चीन जैसे देशों के कुछ हिस्सों में गिरने की संभावना है। इस रॉकेट मलबे का वजन 25 टन है जो आवासीय इलाके में भारी तबाही मचा सकता है।

बीजिंग : एक बार फिर चीन के एक स्पेस रॉकेट का अनियंत्रित मलबा धरती पर गिरने वाला है। चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (CSMA) ने 31 अक्टूबर को तियांगोंग स्पेस स्टेशन का तीसरा और आखिरी मॉड्यूल लॉन्ग मार्च-5बी हैवी-लिफ्ट रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया था। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा से प्रतिस्पर्धा में चीन अब अंतरिक्ष में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहता है। वह न सिर्फ एक के बाद एक स्पेस मिशन लॉन्च कर रहा है बल्कि खुद के स्पेस स्टेशन का निर्माण भी कर रहा है।

द एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन के सेंटर फॉर ऑर्बिटल एंड रीएंट्री डेब्रिस स्टडीज के शोधकर्ताओं के अनुसार, 31 अक्टूबर को तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर मेंगटियन लेबोरेटरी केबिन मॉड्यूल को पहुंचाने वाला 25 टन वजन का रॉकेट मलबा 5 नवंबर को रात 11:51 बजे पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सकता है। यह मलबा कहां गिरेगा, इसकी सटीक जानकारी फिलहाल अज्ञात है लेकिन इसके अमेरिका, सेंट्रल और साउथ अमेरिका, अफ्रीका, भारत, चीन, दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया पर गिरने की संभावना है।

दो साल में चौथी बार गिर रहा रॉकेट का मलबा
दो साल में यह चौथी बार है जब चीन ने अपने रॉकेट मलबे को अनियंत्रित तरीके से गिराया है। इससे पहले जुलाई में चीन के एक रॉकेट का मलबा फिलिपीन के समुद्र में गिरा था। चीन की स्पेस एजेंसी ने बताया था कि लॉन्ग मार्च-5बी रॉकेट में देर रात 12 बजकर 55 मिनट पर पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद आग लग गई थी। इससे पहले एजेंसी ने कहा था कि बूस्टर रॉकेट का मलबा कहां गिरेगा, उसे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

नासा ने कई बार दी है चीन को नसीहत
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने चीन की स्पेस एजेंसी से अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार ऐसे रॉकेट डिजाइन करने के लिए कई बार कहा है जो धरती पर गिरते समय छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाए। चीन के निर्माणाधीन स्पेस स्टेशन, Tiangong, की ओर जाने वाले हाल के रॉकेटों को धरती पर गिरते समय नियंत्रित नहीं किया जा सकता। मई 2020 में इसी तरह के एक मलबे ने आइवरी कोस्ट पर कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था।