China Covid Report: क्या कोरोना जिनपिंग की कुर्सी खा जाएगा? एक्सपर्ट क्यों कह रहे, ‘चीन में बड़ा दंगा होने वाला है

News about Coronavirus: चीन में कोरोना से हालात इतने बुरे हो गए हैं कि कई अस्पतालों में मरीजों को जमीन पर लिटाकर इलाज करना पड़ रहा है। कई वायरल वीडियो में चीन की हालत देख दुनियाभर के लोगों में टेंशन है। कई एक्सपर्ट कह रहे हैं कि चीन के लिएअगले तीन महीने काफी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। कई भारतीय एक्सपर्ट का मानना है कि चीन में हालात भयावह होने वाले हैं।

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नई दिल्ली: चीन कोरोना से कराह रहा है। मरीजों से अस्पताल भरे दिख रहे हैं। लोगों की जानें जा रही हैं। चीन में दिखाई दे रही इस खौफनाक कोरोना लहर ने पूरी दुनिया को डरा दिया है। भारत सरकार ने भी सतर्कता बढ़ा दी है और टेस्ट के साथ टीकाकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। तीन साल पहले भी चीन से ही कोरोना की आंधी चली थी। 2020 में चीन ने पूर्वी लद्दाख में गहरी चाल चली और एक बार फिर उसने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में दुस्साहस किया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कोरोना से जिस देश का दम निकल रहा है, वह बॉर्डर पर माहौल क्यों खराब कर रहा है? क्या राष्ट्रपति शी जिनपिंग की इसके पीछे कोई साजिश है? एक्सपर्ट का मानना है कि चीन में हालात काफी खराब हैं, जिनपिंग का विरोध हो रहा है और ऐसे में बहुत जल्द वहां दंगा भड़क सकता है।

चीन की एक आदत है

पूर्व राजनयिक दीपक वोहरा ने एक टीवी चैनल की पैनल चर्चा में दो टूक कहा कि चीन की जब घरेलू स्थिति बहुत खराब होती है तो बाहरी मोर्चे पर वह कुछ करने की कोशिश करता है जिससे लोगों का ध्यान हटाया जा सके। चीन के राष्ट्रपति को ‘टिंगलिंग’ कहकर तंज कसते हुए वोहरा ने कहा कि भारत में तो एक्सपर्ट से बातचीत कर रणनीति तैयार की जाती है लेकिन चीन में तो एक से लेकर 1.4 अरब तक वही हैं। ये उसकी सबसे बड़ी कमजोरी है। पिछले साल जब हम कोरोना से जूझ रहे थे तो चीनी मीडिया ने अपने रॉकेट की तस्वीर के साथ भारत में अंतिम संस्कार की तस्वीरें दिखाई थीं। लेकिन हम हंसी नहीं उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन बहुत मुश्किल में है।

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज दिल्ली की प्रोफेसर डॉ. सुनीला गर्ग ने कहा कि चीन कभी भी पारदर्शी नहीं रहा है जबकि हम तिहरे तरीके से सुरक्षित हैं। चीन आज कोविड से निपटने में असहाय दिख रहा है। जब ये वेरिएंट आया तब तक चीन ने सारे प्रतिबंध हटा लिए गए थे। चीन की तुलना में भारत कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

चीन के पास दो विकल्प, ताइवान या भारत

डिफेंस एक्सपर्ट मेजर जनरल एके सिवाच (रिटायर्ड) ने कहा कि जब चीन की अंदरूनी प्रॉब्लम आती है तो उसके पास दो विकल्प होते हैं। वह ताइवान में कुछ करे या भारत से लगती सीमा पर गड़बड़ करे। ताइवान में करना मुश्किल था, क्योंकि अमेरिका ने दो एयरक्राफ्ट कैरियर लगा रखे थे। भारत भी पहले से तैयार था। सच्चाई ये है कि LAC पर यांगत्से में चीन 9 दिसंबर को करीब 350 जवान लेकर आया जबकि नॉर्मल पट्रोल की संख्या 15-20 होती है। उसकी मंशा यह थी कि इस पोस्ट को अपने कब्जे में कर लिया जाए। यह पोस्ट 17 हजार फीट की ऊंचाई पर है और यहां से 9-10 किमी चीन के इलाके में डॉमिनेट किया जा सकता है।

तो क्या कोरोना से हालात बिगड़ने पर चीन कोई बड़ी हरकत कर सकता है? इस पर डिफेंस एक्सपर्ट मेजर जनरल केके सिन्हा (रिटायर्ड) ने कहा कि चीन ने बॉर्डर कानून ही बदल दिया, इसे समझना होगा। चीन अगर दुनिया में कुछ करेगा, तो ऐसी परिस्थितियां हैं कि वह हमारे साथ ही करेगा। ताइवान उसका है, ये मानकर चलिए।

जिनपिंग से नाराज हैं लोग
पूर्व राजनयिक एसडी मुनि कहते हैं कि चीन अपने लोगों के बारे में कभी भी दुखी नहीं होता है। 1950 से उसकी दोगली नीति रही है। एक तरफ वह भारत से बातचीत करना चाहता है, व्यापार लाभ लेना चाहता है, भारत की मदद से अपनी विश्वसनीयता बढ़ाना चाहता है तो दूसरी तरफ बॉर्डर पर दुस्साहस भी करता है। तवांग और गलवान में जो हुआ, वह नई बात नहीं है। वह हर दशक में ऐसा करता आ रहा है। चीन की हालत, उसकी अर्थव्यवस्था खराब है। पार्टी के अंदर कुछ तबके ऐसे हैं जो शी जिनपिंग से बहुत नाराज हैं। जिस ढंग से लास्ट मीटिंग में शी ने अपने पूर्व नेता को निकालने की कोशिश की थी, उससे लोग खफा हैं। आज जो कोरोना के खिलाफ प्रदर्शन देख रहे हैं, इसमें कोई शक नहीं है कि पार्टी के कुछ लोगों का उन्हें समर्थन है क्योंकि वे शी से परेशान हैं। शी की नीतियां फेल साबित हो रही हैं।

एक्सपर्ट से जब पूछा गया कि क्या कोरोना के चलते जिनपिंग की कुर्सी जाने वाली है? दीपक वोहरा ने कहा कि उन्हें लगता है कि चीन में बहुत बड़ा दंगा होने वाला है। उन्होंने बॉर्डर के कानून जरूर बदल दिए हैं लेकिन चीन हर तरफ से बहुत बड़ी मुश्किल में घिर गया है।