China BRI Projects in Nepal : नेपाल और चीन ने मई 2017 में बीआरआई पर हस्ताक्षर किए थे। दोनों पक्ष बीआरआई के तहत नेपाल-चीन सीमा पार रेलवे के विकास और निर्माण के लिए सहमत हुए थे लेकिन इसके तहत अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।
काठमांडू : नेपाल और चीन के बीच सोमवार को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत नया समझौता हुआ है। चीन के तीसरे सबसे बड़े नेता ली झांशु और नेपाल की प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष अग्नि प्रसाद सपकोटा ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों देश बीआरआई के तहत गवर्नेंस, लेजिस्लेटिव और सुपरवाइजरी पर आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं। नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के अध्यक्ष ली, अध्यक्ष सपकोटा के निमंत्रण पर सोमवार को तीन दिवसीय यात्रा पर नेपाल पहुंचे थे। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं ने नया बनेश्वर में स्थित संघीय संसद भवन में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसके बाद नेपाल की संघीय संसद और चीन की पीपुल्स कांग्रेस के बीच एक छह सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
साझा बयान के मुताबिक, दोनों पक्ष एक-दूसरे के विधायी, पर्यवेक्षी और शासन संबंधी कामकाज से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान को महत्व देंगे। दोनों पक्ष बीआरआई सहित दोनों देशों के बीच आपसी जुड़ाव को बढ़ाकर साझा लाभ के लिए काम करेंगे। नेपाल के विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक के दौरान दोनों पक्ष अंतर-संसदीय आदान-प्रदान और सहयोग को और मजबूत करने पर सहमत हुए। ली ने नेपाल में संसद और विधानसभाओं के आगामी चुनाव की सफलता के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
नेपाल में फ्लॉप चीन का ड्रीम प्रोजेक्ट
नेपाल और चीन ने मई 2017 में बीआरआई पर हस्ताक्षर किए थे। दोनों पक्ष बीआरआई के तहत नेपाल-चीन सीमा पार रेलवे के विकास और निर्माण के लिए सहमत हुए थे लेकिन इसके तहत अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। नेपाल में बीआरआई के असफल होने के कई कारण हैं। ओली कैबिनेट में विदेश मंत्री रह चुके प्रदीप ग्यावाली के मुताबिक, ‘शुरुआत काफी धीमी थी। प्रोजेक्ट्स के चयन में काफी समय लगा और फिर इनकी संख्या 35 से घटाकर 9 कर दी गई। हम प्रोजेक्ट्स को शुरू करने की योजना पर काम कर रहे थे कि तभी महामारी आ गई और हमारी प्राथमिकताएं बदल गईं।’
कब शुरू होंगे बीआरआई के प्रोजेक्ट?
ग्यावाली के अनुसार बीआरआई को लेकर शेर बहादुर देउबा सरकार का रुख कन्फ्यूज करने वाला है। ऑब्जर्वर्स कहते हैं कि नेपाल में बीआरआई की असफलता के पीछे राजनीतिक, वैचारिक और व्यावहारिक कारण थे। अक्टूबर 2019 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नेपाल यात्रा के दौरान इस बात पर सहमति बनी थी कि नेपाल और चीन बीआरआई को लाभकारी सहयोग को गहरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखेंगे। अधिकारियों का कहना है कि वे निश्चित रूप से नहीं कर सकते कि सीमापार रेलवे जैसे बीआरआई के अन्य प्रोजेक्ट्स कब शुरू होंगे।