आग को तंबू से ढकने की कोशिश कर रहा है चीन, बोला- सीमा पर सब ठीक है, भारत का जवाब- झूठ मत बोलो

India China Relation : चीन चाहता है कि भारत लद्दाख में उसकी कारस्तानियों से नजरें फेर ले। इसी कारण वह दुनिया को यह बताने की कोशिश में जुटा है कि सीमा पर सब ठीक है। हालांकि, भारत उसके झूठ को बार-बार बेनकाब करता रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने फिर से चीन की चालाकियों का भंडाफोड़ किया है।

नई दिल्ली: चीन है कि मानता नहीं। दो सालों से लद्दाख के कई इलाकों में सैन्य संघर्ष की स्थिति कायम रखते हुए भी दुनिया को यह बताने में जुटा है कि भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सबकुछ ठीक है। उसने फिर से कहा है कि लद्दाख में सीमा पर हालात सामान्य होने शुरू हो गए हैं। वह यहां तक दावा कर रहा है कि गलवान में हुई हिंसक झड़प से शुरू हुआ तनाव अब खत्म हो गया है। हालांकि, भारत ने चीन की चालाकियों का तुरंत जवाब दिया है और कहा कि हालात अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं क्योंकि इसके लिए जरूरी कुछ और महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने बाकी हैं।

आग को तंबू से ढकना चाहता है चीन

दरअसल, चीन की मंशा अपने अतिक्रमणकारी रवैयों की तरफ से भारत का ध्यान हटाने का है। वह चाहता है कि भारत सीमा पर उसकी दगाबाजियों को ज्यादा तवज्जो नहीं देकर ऐसे मुद्दों के ठंडे बस्ते में डाल दे। चीन की चाहत है कि भारत सीमा विवाद को इतना तूल नहीं दे कि व्यापार ही बंद हो जाए। यूं कहें कि चीन सीमा पर खुद से लगाई आग को तंबू से ढकना चाहता है। उसे पता है कि तंबू कितना भी मजबूत क्यों न हो, लेकिन वह आग की तपिश नहीं झेल सकता। लेकिन चीन तो चीन है।

फिर पकड़ा गया चीन का झूठ

बहरहाल, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा, ‘हालात पूरी तरह सामान्य हों, इसके लिए कुछ और कदम उठाने जरूरी हैं।’ उनसे पहले भारत में चीन के राजदूत सुन विडोंग (Sun Weidong) ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में हालात कुल मिलाकर स्थिर हैं। उन्होंने कहा कि गलवान घाटी में दो वर्ष पहले हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों तरफ से आपातकाल में भेजी गई सैन्य टुकड़ियां भी वापस आ रही हैं।

सीमा पर हालात पर झूठ बोल रहा चीन

चीनी राजदूत के इस बयान पर जब बागची की प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध सुधरने का रास्ता तभी मजबूत हो सकता है जब सीमा से सैनिकों की वापसी सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा, ‘हम वहां नहीं पहुच सके हैं। मैं नहीं कह सकता कि हालात सामान्य हैं। कुछ सकारात्मक कदम उठाए गए हैं, लेकिन कुछ फैसले और लेने बाकी हैं।’

तब तक सामान्य नहीं होंगे हालात
बागची ने पिछले महीने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से सेना की वापसी से एक समस्या तो कम हुई है। भारतीय वायुसेना (IAF) प्रमुख वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा था कि हालात सामान्य तभी माना जाएगा जब तनाव शुरू होने से पहले की स्थिति बहाल हो और संघर्ष वाले सभी इलाकों से दोनों तरफ की पूरी सेना वापस हो जाए।

सैन्य तनाव को हल्के में ले रहा है चीन

ध्यान रहे कि पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से तो सेनाओं की वापसी हो गई है, लेकिन डेमचोक और देपसांग पर दोनों सेनाएं अब भी आमने-सामने हैं। इन दोनों इलाकों से सेनाओं की वापसी को लेकर बातचीत भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। चीन जहां एलएसी पर तनाव को हल्के में लेने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत इस बात पर अडिग है कि अगर संबंध सुधारने हैं तो पूर्वी लद्दाख में 2019 की स्थिति बहाल करनी ही होगी।