China Nuclear Site : ‘किसी भी वक्त परमाणु परीक्षण कर सकता है चीन’, न्यूक्लियर टेस्टिंग साइट का कर रहा विस्तार, सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा

Nuclear Testing Site in China : चीन का टारगेट 21वीं सदी के मध्य तक अमेरिका के बराबर एक सैन्य शक्ति बनना है। चीन के पास 20,40,000 सैन्यकर्मी हैं जो दुनिया का सबसे बड़ा सैन्यबल है और अमेरिका से 1.5 गुना बड़ा है।

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प्रतीकात्मक फोटो (साभार : ट्विटर)
बीजिंग : चीन शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में अपनी न्यूक्लियर टेस्ट साइट का विस्तार कर रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों में इसका खुलासा हुआ है। बीजिंग ने 25 साल पहले इस क्षेत्र में विस्फोटक परीक्षण रोक दिए थे। न्यूज वेबसाइट Nikkei को मिली सैटेलाइट तस्वीरों को कई विशेषज्ञों ने देखा, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि चीन अपनी परमाणु परीक्षण क्षमता को मजबूत कर रहा है। तस्वीरों में इस शुष्क इलाके में एक पहाड़ी पर इस विशालकाय साइट को देखा जा सकता है।

पहाड़ी पर टूटी हुई चट्टानों के टुकड़ों को नीचे छिपी हुई टेस्टिंग के लिए नई ‘छठी सुरंग’ की खुदाई का सबूत माना जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक फोटो में पावर ट्रांसमिशन केबल्स और एक हाल ही में बनाई गई इमारत देखे जा सकते हैं जिसका इस्तेमाल संभवतः विस्फोटक भंडारण के लिए किया जा रहा है। वहीं कच्ची सफेद सड़कें भी नजर आ रही हैं जो कमांड पोस्ट से अलग-अलग दिशाओं में जाती हैं।

 

‘कभी भी कर सकता है परमाणु परीक्षण’
चीनी निर्माण के नए सबूत एक सैटेलाइट ने इकट्ठा किए हैं जो पश्चिमी चीन के शिनजियांग क्षेत्र के दक्षिण-पूर्व में एक सूखे नमक की झील Lop Nur से 450 किमी ऊपर स्थित है। कई विश्लेषकों का मानना है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी इस खुफिया न्यूक्लियर टेस्टिंग साइट की सुरक्षा कर रही है। निक्कई से बात करते हुए अमेरिकी प्राइवेट जियोस्पैटिकल कंपनी, ऑलसोर्स एनालिसिस के एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘चीन कभी भी परमाणु संबंधित परीक्षण कर सकता है, खासकर जब से बिजली लाइन और रोड सिस्टम ने लोप नूर की पश्चिमी सैन्य परमाणु परीक्षण स्थलों को पूर्व में नए संभावित परीक्षण क्षेत्रों से जोड़ दिया है।’

सेना को कमजोर कर सकती है घटती आबादी
चीन का टारगेट 21वीं सदी के मध्य तक अमेरिका के बराबर एक सैन्य शक्ति बनना है। चीन के पास 20,40,000 सैन्यकर्मी हैं जो दुनिया का सबसे बड़ा सैन्यबल है और अमेरिका से 1.5 गुना बड़ा है। कुछ दिनों पहले एक खबर में कहा गया था कि दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश अब अपनी घटती जनसंख्या को लेकर चिंता में है क्योंकि भविष्यवाणी की गई है कि साल 2100 तक उसकी आबादी में 1 अरब तक की गिरावट आ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी तेजी से घटती जनसंख्या कम्युनिस्ट पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है और सेना को कमजोर कर सकती है।