पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ़्ताह इस्माइल ने बुधवार को बताया कि चीनी बैंकों के समूह और पाकिस्तान ने 2.3 अरब डॉलर के लोन-सुविधा समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
इसके बाद यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले कुछ दिनों में नक़दी की किल्लत से जूझ रहे देश को कुछ राहत मिल जाए. मिफ़्ताह इस्माइल ने ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी है.
उन्होंने लिखा है, “चीन के बैंकों के समूह ने आज 2.3 अरब डॉलर की ऋण सुविधा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. पाकिस्तान ने इस समझौते पर एक दिन पहले ही हस्ताक्षर कर दिए थे. हम चीन की सरकार को इस ट्रांजेक्शन के लिए धन्यवाद करते हैं.”
चीन की सरकार के इस क़दम पर ट्वीट करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने लिखा है, “चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और विदेश मंत्री वांग यी और चीन के लोगों के प्रति आभार. चीन के बैंकों के समूह ने 2.3 अरब डॉलर की ऋण सुविधा के समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. पाकिस्तान के लोग अपने हमेशा से दोस्त रहे चीन के शुक्रगुज़ार हैं.”
इस महीने की शुरुआत में ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अच्छी ख़बर साझा करते हुए कहा कि चीन के बैंकों के समूह के साथ लोन सुविधा की शर्तों पर सहमति बन गई है. उस समय उन्होंने दावा किया था कि यह लोन पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मददगार साबित होगा.
दो जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इस्माइल ने कहा था कि चीन जो क़र्ज पाकिस्तान को देने वाला था वो उसने 25 मार्च को वापस ले लिया था और कुछ ऐसी शर्तें रखी थीं जिसकी वजह से पाकिस्तान उस कर्ज़ का इस्तेमाल नहीं कर सकता था.
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की चीन यात्रा और पीएम शहबाज़ शरीफ़ के प्रयासों के कारण चीन ना सिर्फ़ लोन देने के लिए राज़ी हो गया है बल्कि ब्याज दरें भी बेहद कम रखी हैं.