अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पेलोसी (US House Speaker Nancy Pelosi) ताइवान का दौरा कर सकती हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी की वजह से अपना दौरा टाल दिया था। उनका ये ताइवान दौरा चीन को परेशान कर सकता है और इसके मद्देनजर उसने पहले ही आक्रामक मूड अख्तियार कर लिया है।
दौरा रोकने की अपील
उन्होंने कहा, ‘चीन, अमेरिका से अपील करता है कि वो इस दौरे को न होने दे और अधिकारियों को आने से रोके, तनाव बढ़ने से रोके और अपने वादे को पूरा करे जो ताइवान को अलग न करने के समर्थन से जुड़ा है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अगर अमेरिका इसी तरह से आगे बढ़ता रहेगा तो फिर चीन को मजबूत कदम उठाना पड़ेगा। उसे ऐसे कदम उठाने होंगे जो राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े हैं। अमेरिका को इसके नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।’ ये बयान ऐसे समय में आया है जब ताइवान पर लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है। कई अमेरिकी रक्षा अधिकारियों का मानना है कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद चीन को और हिम्मत मिल गई है। उसे लगता है कि वो भी ऐसा ही कर सकता है और अब उसक मकसद भी इसी तरह का कुछ करने का है।
चिढ़ा हुआ है चीन
चीन ने मंगलवार को पेलोसी के दौरे को लेकर कूटनीतिक प्रतिक्रिया के अलावा मिलिट्री से जवाब देने की तरफ भी इशारा किया है। चीन ने सीधे तौर पर ऐसा कुछ नहीं कहा लेकिन उसने यह जरूर कहा है कि ये कदम भड़काने वाला है और इसका माकूल जवाब दिया जाएगा। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विश्लेषकों के हवाले से लिखा है कि चीन की तरफ से अमेरिका के इस कदम को भड़काने वाला माना जाएगा और वो कोई भी प्रतिक्रिया दे सकता है जिसमें सैन्य जवाब भी शामिल होगा। बाइडेन प्रशासन की तरफ से हाल ही में 108 मिलियन डॉलर वाले हथियारों की खेप ताइवान भेजने का ऐलान किया गया है। पहले ही चीन इस बात से चिढ़ा था और अब पेलोसी का संभावित दौरा, निश्चित तौर पर ये कदम बीजिंग को मुंह चिढ़ाने वाला साबित होगा।