चीनी सेना ने ग्वांगडोंग प्रांत के तट से दूर दक्षिण चीन सागर में एक बड़ा नौसैनिक अभ्यास शुरू किया है। यह नौसैनिक अभ्यास ताइवान से कुछ ही दूर विवादित इलाके में हो रहा है। चीनी सेना ने बताया है कि यह दो दिवसीय युद्धाभ्यास 29 जुलाई को शुरू हुआ है जो 30 जुलाई को खत्म होगा। इसमें चीनी सेना की पनडुब्बियां, युद्धपोत और फॉस्ट अटैक वेसल हिस्सा लेंगे।
अमेरिका ने भी उतारा एयरक्राफ्ट कैरियर
उधर, अमेरिका ने भी सिंगापुर में खड़े अपने एयरक्राफ्ट कैरियर को पूरे बैटल ग्रुप के साथ दक्षिण चीन सागर में तैनात कर दिया है। यूएसएस रोनाल्ड रीगन पिछले कुछ दिनों से सिंगापुर के बंदरगाह पर खड़ा था। लेकिन, चीन ने जैसे ही चेतावनी दी, वैसे ही इस एयरक्राफ्ट कैरियर को दक्षिण चीन सागर में तैनात कर दिया गया। इस कैरियर के साथ अमेरिकी नौसेना के डिस्ट्ऱॉयर, फ्रिगेट, पनडुब्बी और टैंकर शिप की पूरी फ्लीट मौजूद है। यह एयरक्राफ्ट कैरियर अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के अंतर्गत काम करता है।
नैंसी पेलोसी की यात्रा को लेकर चिढ़ा है चीन
चीन अमेरिकी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और हाउस ऑफ रिपर्जेंटेटिव की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा को लेकर भी चिढ़ा हुआ है। इस बीच खबर है कि नैंसी पेलोसी शुक्रवार से एशियाई देशों की अपनी यात्रा शुरू करने वाली हैं। हालांकि, उनके ताइवान जाने को लेकर अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। उधर, जिनपिंग के बयान से एक दिन पहले ही चीनी विदेश मंत्रालय ने पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर अमेरिका को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी।
बाइडेन को जिनपिंग ने दी थी खुली धमकी
शी जिनपिंग ने गुरुवार शाम को जो बाइडेन के साथ बातचीत में ताइवान को लेकर खुली धमकी दी। जिनपिंग ने कहा कि एक चीन नीति हमारे साथ संबंधों का राजनीतिक आधार है। जिनपिंग ने ताइवान को चीन का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना 1.4 अरब से अधिक लोगों की दृढ़ इच्छा है। ऐसे में जो लोग आग से खेलते हैं, वो खुद ही उससे जल जाएंगे। उन्होंने ताइवान की स्वतंत्रता को प्रेरित करने वाली ताकतों को हर हाल मे नेस्तनाबूद करने की चेतावनी भी दी।