दक्षिण चीन सागर में ताइवान के चारों और किए गए युद्धाभ्यास के दौरान यूएसएस रोनाल्ड रीगन एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ कम के कम चार युद्धपोतों को तैनात कर रखा था। चीन के युद्धाभ्यास के समय अमेरिका के इस कैरियर स्ट्राइक ग्रुप पर भी हमले का खतरा था। इसलिए अमेरिकी नौसेना ने सर्वोच्च स्तर का अलर्ट जारी कर जल-थल और नभ से खुफिया जानकारी इकट्ठा की।
हांगकांग/वॉशिंगटन: अमेरिकी हाउस की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के जवाब में चीन ने 4 दिनों तक जबरदस्त सैन्य अभ्यास किया। इस दौरान चीनी युद्धपोत और पनडु्ब्बियों ने ताइवान को चारों ओर से घेरकर हमले का छद्म वातावरण तैयार किया। खुद ताइवान ने स्वीकार किया कि चीन का युद्धाभ्यास कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि भविष्य में होने वाले जंग का रिहल्सल है। हालांकि, चीन के इस महासैन्य अभ्यास ने अमेरिका को बैठे बैठाए फायदा पहुंचा दिया। इस अभ्यास से अमेरिका और उसके सहयोगियों ने कई महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी इकट्ठा की। इस अभ्यास ने अमेरिका को उन मिसाइलों की जांच करने का अवसर प्रदान किया है, जिनका उपयोग चीनी सेना भविष्य में किसी भी देश पर आक्रमण के दौरान करने वाली है। चीन ने दावा किया था कि ताइवान के नजदीक किए गए युद्धाभ्यास के दौरान उसकी मिसाइलों ने द्वीप के चारों ओर पहले से ही तय क्षेत्र में सटीक निशाना साधा।
अमेरिका ने स्वीकारा- इकट्ठा किया खुफिया डेटा
दो अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने ताइवान के नजदीक चीन के युद्धाभ्यास का डेटा इकट्ठा किया है। उन्होंने बताया कि इस तरह के युद्धाभ्यास दुश्मन की गहन खुफिया जानकारी जुटाने में काफी मदद करते हैं। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि चीन ने अभ्यास के दौरान अपनी सर्वश्रेष्ठ रणनीति और गुप्त सैन्य क्षमताओं का पूरी तरह प्रदर्शित करने की संभावना नहीं है। वह भी जानता है कि उस पर करीब से नजर रखी जा रही है। इसके बावजूद इस इस युद्धाभ्यास ने सामरिक और खुफिया मोर्चे पर ताइवान को घेरने की चीन की क्षमताओं का खुलासा कर दिया है। ऐसे में ताइवान अब अपने सबसे बड़े सहयोगी अमेरिका की मदद से चीनी आक्रमण की काट पहले ही खोज सकता है।
चीन के अधिकतर हथियारों के बारे में जानता है अमेरिका
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि चीनी सेना के इस्तेमाल किए गए अधिकतर वेपन सिस्टम और मिसाइलों के बारे में अमेरिका को पहले से ही पता है। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं है कि पिछले कुछ हफ्तों में चीन की सैन्य क्षमता के बारे में क्या-क्या नई जानकारी मिली है। सिंगापुर स्थित सुरक्षा विश्लेषक कॉलिन कोह ने कहा कि इस अभ्यास ने हथियार के बजाय चीनी की पूर्वी थिएटर कमांड, इसकी रॉकेट फोर्स और स्ट्रैटजिक फोर्स की निगरानी का एक महत्वपूर्ण मौका उपलब्ध करवाया है। इस युद्धाभ्यास के दौरान चीनी सेना के ये तीनों अंग एक साथ मिलकर समन्वित और एकीकृत तरीके से काम कर रहे थे।
चीनी युद्धाभ्यास से अमेरिका को क्या फायदा
कोह ने कहा कि मैं पूरी तरह से उम्मीद करता हूं कि अमेरिका एक फुल स्पेक्ट्रम- सिग्नल, कम्यूनिकेशन और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस से डेटा एकत्रित कर रहा है। यह बिलकुल भी चूकने का समय नहीं है। जब आप दूसरी तरफ से इस तरह का डेटा एकत्र करते हैं, तो इसका मतलब है कि आप यह पता लगा सकते हैं कि कमजोरियां कहां हैं, और यह आपको अपना काउंटर और जैमिंग सिस्टम बनाने में मदद करता है।
अमेरिका ने तैयार कर रखे थे अपने कई युद्धपोत
दक्षिण चीन सागर में ताइवान के चारों और किए गए युद्धाभ्यास के दौरान यूएसएस रोनाल्ड रीगन एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ कम के कम चार युद्धपोतों को तैनात कर रखा था। चीन के युद्धाभ्यास के समय अमेरिका के इस कैरियर स्ट्राइक ग्रुप पर भी हमले का खतरा था। इसलिए अमेरिकी नौसेना ने सर्वोच्च स्तर का अलर्ट जारी कर जल-थल और नभ से खुफिया जानकारी इकट्ठा की। अमेरिकी युद्धपोत पिछले एक हफ्ते से ताइवान के पूर्व में फिलीपींस सागर के आसपास बने हुए हैं। विश्लेषकों और सेवानिवृत्त खुफिया अधिकारियों का कहना है कि चीन के युद्धाभ्यास को लेकर जानकारियां जुटाने में अमेरिका के अलावा जापानी और ताइवान की पनडुब्बियों और उन्नत निगरानी विमानों का इस्तेमाल किया गया होगा।