China-US : चीन बना रहा है ‘बरमूडा ट्रायंगल’ जैसा बम, समुद्र की भीतर ही खमोशी से डूब जाएंगी अमेरिकी पनडुब्बियां

चीन (China News) के वैज्ञानिक इन दिनों एक ऐसे हथियार पर काम कर रहे हैं जो परमाणु क्षमता से लैस होगा। साथ ही ये हथियार इतना ताकतवर होगा कि वो समंदर के अंदर किसी भी अमेरिकी नौसैनिक जहाज को निशाना बना सकेगा। बहुत समय चीन ऐसे हथियार का सपना देख रहा था और अब लगता है कि ये साकार होने वाला है।

 
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बीजिंग: जरा एक ऐसे कम कीमत वाले टॉरपीडो की कल्‍पना करिए जो प्रशांत महासागर के अंदर हो और जिसका पता न चल सके। जो चुपचाप किसी को कानों-कान खबर किए बिना अमेरिका के जहाज को निशाना बना दे। अमेरिका के रक्षा अधिकारी हमेशा से इस बात से घबरा रहे थे कि कहीं चीन ऐसा कोई हथियार तैयार न कर ले। अब लगता है कि उनका ये डर सच साबित होने वाला है। चीन के रिसर्चर्स इन दिनों एक ऐसे ही टॉरपीडो पर काम कर रहे हैं जो किसी भी पल अमेरिकी नौसेना के जहाज को निशाना बना सकता है। टॉरपीडो को आप समुद्र का बम कह सकते हैं जो पानी के अंदर दुश्‍मन की पनडुब्‍बी को सेकेंड्स में ढेर कर सकता है।

तबाह होगा टारगेट
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की एक रिपोर्ट में चीन के सबसे बड़े नौसेनिक कॉन्‍ट्रैक्‍टर के पब्लिकेशन जरनल ऑफ अनमैन्‍ड अंडरसी सिस्‍टम्‍स की तरफ से जारी एक पेपर का हवाला दिया गया है। इसमें लिखा है कि चीन के रिसर्चर्स ने एक ऐसे ही हथियार का डिजाइन पूरा कर लिया है। इस टॉरपीडो को एक डिस्‍पोजेबल न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर के तौर पर प्रयोग किया जा सकगा। ये 35 मील प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर सकेगा। किसी भी रिएक्‍टर को खत्‍म करने से पहले 200 घंटे तक समंदर में रह सकता है। इसके बाद ये समंदर की सतह में ही गिर जाएगा। टॉरपीडो को बैटरी से चार्ज किया जा सकेगा और फिर से हमला करने में सक्षम होगा। अभी तक ये साफ नहीं हो सकता है कि रिसर्चर्स की टीम इस हथियार के लिए किस तरह के टारगेट के बारे में सोच रही है।
रूस की नकल!
इस सिस्‍टम को रूस के पोसायडन टॉरपीडो ड्रोन की तरह ही देखा जा रहा है जो परमाणु क्षमता से चलता है। लेकिन दोनों में कुछ अंतर है। वैज्ञानिक और रिसर्चर ग्‍यूओ जियान जो चाइना इंस्‍टीट्यूट ऑफ एटॉमिक एनजी से जुड़े हैं, उन्‍होंने इस पेपर में टॉरपीडो को लेकर कई बातें कही हैं। रूस के पोसायडन को राष्‍ट्रपति व्‍लादीमिर पुतिन के छह ‘सुपर वेपंस’ में से एक माना जाता है। साल 2019 में पुतिन ने अपने सालाना संबोधन में इसका जिक्र किया था। ये हथियार बिना किसी वॉर्निंग के दुश्‍मन पर हमला बोलता है। न सिर्फ ये टारगेट को पूरी तरह से खत्‍म कर देता है बल्कि हमले वाली जगह को रेडिएशन से भर देता है जिसके बाद किसी भी तरह का रिपेयर नहीं किया जा सकता है।