INS Vikrant China: भारत के आईएनएस विक्रांत के लिए सबसे बड़ा खतरा चीन की कैरियर किलर मिसाइलें हैं। चीन का दावा है कि उसके पास दो ऐसी मिसाइलें हैं, जो दुनिया के किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर को पल भर में डूबो सकती हैं। ये मिसाइलें इतनी तेज और खतरनाक हैं कि अमेरिका के पास भी इनका काट नहीं है।
भारतीय नौसेना को आज अपना दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि में आईएनएस विक्रांत को नौसेना में कमीशन किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत पुराने आईएनएस विक्रांत के पूर्व नौसैनिक भी उपस्थित थे। भारत अब उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर निर्माण की क्षमता है। हालांकि, भारत के इस महाशक्तिशाली एयरक्राफ्ट कैरियर पर चीन की टेढ़ी नजर जरूर है। चीन के पास ऐसी ही तकनीक से लैस दो एयरक्राफ्ट कैरियर पहले से ही मौजूद हैं और इलेक्ट्रैमैग्नेटिक कैटापुल्स से लैस तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर अभी समुद्री परीक्षण से गुजर रहा है। लेकिन, भारत के आईएनएस विक्रांत के लिए सबसे बड़ा खतरा चीन की कैरियर किलर मिसाइलें हैं। चीन का दावा है कि उसके पास दो ऐसी मिसाइलें हैं, जो दुनिया के किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर को पल भर में डूबो सकती हैं। ये मिसाइलें इतनी तेज और खतरनाक हैं कि अमेरिका के पास भी इनका काट नहीं है।
चीन के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर किलर मिसाइलें
चीन का दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर के देशों के साथ विवाद है। चीन के अधिकतर दुश्मन देशों के साथ अमेरिका के काफी अच्छे संबंध हैं। अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियरों को उसकी सबसे बड़ी नौसैनिक शक्ति माना जाता है। ऐसे में चीन ने अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियरों को डूबाने के लिए दो कैरियर किलर मिसाइलों को विकसित किया है। इनमें से एक DF-17 मिसाइल तो हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है। इतना ही नहीं, यह मिसाइल एडवांस गाइडेंस सिस्टम से लैस है। डीएफ-17 को किसी युद्धपोत या जमीन पर मौजूद मिसाइल बेस से लॉन्च किया जा सकता है। जबकि दूसरे YJ-21 मिसाइल को स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स की मदद से समुद्र में मीलों दूर ले जाकर भी फायर किया जा सकता है। ऐसे में वाईजे-21 मिसाइल तट से काफी दूर मौजूद एयरक्राफ्ट कैरियर को भी तबाह कर सकती है।
चीन की डीएफ-17 मिसाइल कितनी खतरनाक
चीन की डीएफ-17 दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइलों में शामिल है। हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ने के कारण इस मिसाइल को किसी भी एंटी डिफेंस सिस्टम से ट्रैक करना काफी मुश्किल है। ठोस-ईंधन से चलने वाली यह मिसाइल सीधी पथ पर चलने के बजाए अपने लक्ष्य तक जाने के लिए काफी घूमावदार रास्ता अपनाती है। इस मिसाइल में DF-ZF हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल को माउंट होता है, जो लॉन्चिंग के बाद एक निश्चित समय पर मेन रॉकेट से अलग होकर हाइपरसोनिक स्पीड प्राप्त करता है। DF-ZF के साथ DF-17 का आधिकारिक तौर पर 1 अक्टूबर 2019 को चीन के राष्ट्रीय दिवस सैन्य परेड में अनावरण किया गया। 15000 किलोग्राम वजनी यह मिसाइल 11 मीटर लंबी है। इसकी ऑपरेशनल रेंज 1800 से 2500 किलोमीटर तक बताई जाती है।
DF-17 मिसाइल मिसाइल की काट अमेरिका के पास भी नहीं
DF-17 मिसाइल 2500 किलोमीटर दूर तक हाइपरसोनिक स्पीड से हमला करने में सक्षम है। अमेरिका के एक शीर्ष जनरल स्वीकार कर चुके हैं कि चीन की DF-17 को रोकने के लिए उसके पास कोई प्रभावशाली एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है। इस मिसाइल को पहली बार पिछले साल चीन की स्थापना के 70वें वर्षगांठ के अवसर पर प्रदर्शित किया गया था। यह मिसाइल 15000 किलोग्राम वजनी और 11 मीटर लंबी है, जो पारंपरिक विस्फोटकों के अलावा न्यूक्लियर वॉरहेड को भी लेकर जा सकती है। सरल भाषा में कहें तो यह मिसाइल परमाणु हमला करने में भी सक्षम है।
चीन की YJ-21 मिसाइल भी कम खतरनाक नहीं
चीन की वाईजे-21 मिसाइल को एयरक्राफ्ट कैरियर किलर कहा जाता है। इसे चीन के स्ट्रैटजिक बॉम्बर शियान H-6N से लॉन्च किया जा सकता है। चीन की इस मिसाइल के बारे में दुनिया को बहुत की कम जानकारी है, इसलिए पश्चिमी देश इसे किसी रहस्य की तरह देखते हैं। नाटो ने चीन की इस एयरलॉन्च कैरियर किलर मिसाइल को CH-AS-X-13 नाम दिया है। चीन का दावा है कि यह मिसाइल किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर को लंबी दूरी से निशाना बना सकती है। इतना ही नहीं, एयरक्राफ्ट से लॉन्च होने के कारण इसकी रेंज और रडार की नजर में आने की संभावना भी बेहद कम है। दुनिया में सबसे अधिक एयरक्राफ्ट कैरियर अमेरिका के पास हैं। चीन और अमेरिका में ताइवान, दक्षिण और पूर्वी चीन सागर को लेकर तनाव भी है। ऐसे में चीन की इस मिसाइल को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जाता है।
वाईजे-21 मिसाइल की ताकत जान लीजिए
चीन की वाईजे-21 मिसाइल 800 और 900 मील की रेंज तक मार करने में सक्षम है। यह मिसाइल पारंपरिक वॉरहेड के साथ किसी शिप या एयरक्राफ्ट कैरियर को निशाना बना सकती है। यह मिसाइल अपने दूसरे फेज में पैंतरेबाजी कर रडार को चकमा दे सकती है। बैलिस्टिक मिसाइलों की तरह यह मिसाइल भी हाइपरसोनिक स्पीड से अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ती है, लेकिन इसका ऐंगल ऐसा रहता है कि युद्धपोत के एयर डिफेंस सिस्टम इसके खतरे को भांपने में फेल हो जाते हैं। यही कारण है कि इसे कैरियर किलर का नाम दिया गया है। इस मिसाइल को स्ट्रैटजिक बॉम्बर, युद्धपोत और तट पर मौजूद मिसाइल लॉन्चर के जरिए लॉन्च किया जा सकता है।