निकलेगी चीन की हेकड़ी, बड़ी मंदी की ओर बढ़ रहा ड्रैगन

कोरोना की मार झेल रहे चीन को झटका लगा है। विश्व बैंक ने चीन के आर्थिक ग्रोथ का अनुमान में कटौती कर इसे 2.7 फीसदी कर दिया है। चीन में मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हो गई। चीन की खस्ताहाल इकोनॉमी उसे मंदी की ओर ले जा रहा है।

नई दिल्ली: सीमा पर बार-बार भारत के साथ टकराव करने वाला चीन (China) मुश्किल दौर से गुजर रहा है। अनियंत्रित कोविड गाइडलाइंस के बावजूद चीन में कोरोना का विस्फोट हुआ है। स्थिति 2019 से भी बदतर हो गई है। हालात ऐसे है कि चीन के अस्पतालों में इलाज के लिए बेड नहीं बचे हैं। लोग जमीन पर लेटकर इलाज करवाने को मजबूत है। लाशों का अंबार लगा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना से चीन में 20 लाख लोगों की मौत हो सकती है। वहीं 80 लाख से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने की आशंका है। कोरोना महामारी ने चीन की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। कंपनियों में ताबड़तोड़ छंटनी शुरू हो गई है तो वहीं विश्व बैंक ने चीन को ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है। हालत ये है कि सीमा पर बार-बार धाक जमाने की कोशिश करने वाले ड्रैगन का हाल खस्ताहाल है और चीन एक बड़ी मंदी की ओर बढ़ रहा है।

चीन का हाल बेहाल

चीन में अनियंत्रित कोविड ने वहां की इकोनॉमी को बुरी तरह से प्रभावित किया है। वर्ल्ड बैंक ने इस साल चीन के आर्थिक ग्रोथ का अनुमान में कटौती कर इसे 2.7 फीसदी कर दिया है। वहीं अगले साल के लिए विकास दर को 8.1 फीसदी के घटाकर 4.3 फीसदी कर दिया है। महामारी के कारण कंपनियां अब छंटनी करने लगी है। प्रॉपर्टी मार्केट में भारी कमजोरी आ गई है। कंपनियां दिवालियापन की ओर बढ़ रही है। चीन में लंबे वक्त से कोविड को लेकर सख्त नियम थे, जिसके कारण वहां के उद्योगों की हालात खराब होती चली गई। कोविड की सख्त गइडलाइंस के कारण दुनिया के दूसरे नंबर की इकोनॉमी कहे जाने वाले चीन में मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हो गई। कंपनियों ने चीन से बाहर निकालने की योजना तैयार कर ली। एप्पल जैसी कंपनियों ने प्रोडक्शन प्रभावित होने के बाद चीन के बाहर निकलने की तैयारी शुरू कर ली। इन कंपनियों ने चीन से पलायन शुरू कर दिया। चीन में निवेश घटा और डिमांड की पूर्ति नहीं हो गई, जिसके कारण चीन की जीडीपी ग्रोथ पर सीधा असर पड़ेगा।

कंपनियों में शुरू हो गई छंटनी

चीन की कई कंपनियों ने खुद को बचाने के लिए अब कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है। मोबाइल निर्माता कंपनी शिओमी (Xiaomi) अपने 15 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहा है। चीन के जीरो कोविड पॉलिसी और कंज्यूमर डिमांड में आई गिरावट के कारण कंपनी को बड़ा झटका लगा। नुकसान के दवाब को कम करने के लिए अब कंपनी कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। तीसरी तिमाही में कंपनी के आय में 9.7 फीसदी की गिरावट आई। चीन की टेक कंपनी Tencent पहले ही कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है। कई चीनी बैंक और कंपनियां दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। चीन की हालत इस कदर खस्ताहाल हो चुकी है कि कई बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां और बैंक दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। चीन की रियर एस्टेट सेक्टर भारी मंदी की मार झेल रहा है। बैंकों के पास फंड नहीं है। बैंकों ने इसके कारण पैसा निकालने पर रोक लगा दी थी। चीन की सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हो चुकी है। चीन की अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से मंदी की ओर बढ़ रही है।