China PLA India Ladakh: चीन ने लद्दाख से लेकर जापान सागर तक अपनी युद्धक तैयारी को तेज कर दिया है। चीन की सामान्य कंपनियां भी अब सेना के लिए सामान बनाने लगी हैं। यही नहीं चीन की कोशिश है कि रूस की तरह उसकी कंपनियां ताइवान पर हमले की सूरत में अमेरिकी प्रतिबंधों से बच जाएं।
ब्राउन ने चीनी विद्वानों के हवाले से कहा कि चीन के विश्वविद्यालयों से विदेशी शिक्षकों को वापस भेजा जा रहा है जो चीन के जंग शुरू करने की तैयारी का हिस्सा प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि चीनी सेना पीएलए युद्ध के लिए तैयारी कर रही है और वह अपने प्रयासों को छिपाने का भी प्रयास नहीं कर रही है। चीन ने पिछले साल राष्ट्रीय रक्षा कानून को लागू किया है जो देशभर में लागू है। इसके तहत नागरिकों के अधिकारों को सेना को ट्रांसफर किया जा सकता है।
‘हर किसी को राष्ट्रीय रक्षा में शामिल होना होगा’
इस कानून के बाद चीन की केंद्र सरकार की स्टेट काउंसिल अपनी शक्तियों को कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल मिलिट्री कमिशन को ट्रांसफर कर रही है जिसके प्रमुख चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं। बदलाव के बाद स्टेट काउंसिल चीनी सेना की तैनाती का निरीक्षण नहीं करेगी। चीन के विशेषज्ञ जेंग झिपिंग ने साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट से बातचीत में कहा कि सेंट्रल मिलिट्री कमिशन अब औपचारिक रूप से राष्ट्रीय रक्षा नीति और सिद्धांत बना रही है। वहीं स्टेट काउंसिल सेना को सहयोग कर रही है।
संशोधित राष्ट्रीय रक्षा कानून में इस बात पर जोर दिया गया है कि सभी राजनीतिक दल, सिविल समूह, उद्योग, सामाजिक संगठन, सेना और अन्य संगठनों हर किसी को राष्ट्रीय रक्षा में शामिल होना होगा। राष्ट्रीय रक्षा की जिम्मेदारियों को पूरा करना होगा और कानून के मुताबिक राष्ट्रीय रक्षा मिशनों को पूरा करना होगा।’ अमेरिकी रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ रिचर्ड फिशर कहते हैं कि पिछले 40 साल से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी क्रूर युद्ध के लिए तैयारी कर रही है और वह अब इसे तेजी से बढ़ा रही है।
चीन ने बैंकों को अमेरिकी प्रतिबंधों के लिए तैयार करना शुरू किया
चीन ने यूक्रेन युद्ध से सबक लेते हुए इस तरह की रणनीति बना रहा है कि उसके ऊपर अगर भविष्य में कोई अमेरिकी या पश्चिमी देशों का प्रतिबंध लगे तो वह बेअसर साबित हो। चीन ने अपने बैंकों को इसके लिए तैयार करना शुरू कर दिया है। साल 2019 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने पहले आदेश में कहा था कि चीनी सेना जंग के लिए तैयार रहे। चीन ने ताइवान के साथ-साथ लद्दाख में भी 50 हजार से ज्यादा सैनिकों को भारत के खिलाफ तैनात किया है। चीन की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा भारतीय जमीन पर कब्जा किया जा सके। चीन ने फिलीपीन्स के एक द्वीप को भी काटने की कोशिश की थी। चीन के जंगी जहाज जापान के नियंत्रण वाले सेनकाकू द्वीप समूह के पास कई बार जा चुके हैं। ब्राउन ने कहा कि ये सभी संकेत बताते हैं कि चीन जल्द ही जंग की ओर बढ़ता दिख रहा है।