सोलन नगर निगम के सीएलसी सफाई कर्मियों ने आज सुबह शहर में सफाई करने और कूड़ा उठाने से मन कर दिया और धरने पर बैठ गए। इनका कहना था कि इनके सफाई पर्यवेक्षक का इनके साथ व्यवहार ठीक नहीं है। आये दिन उसकी गालियां सुननी पड़ती है वह लगभग 8000 तनख्वाह पर काम कर रहे हैं उसके बावजूद 10-12 घंटों की नौकरी करनी पड़ती है जिससे वह तंग हैं। इसके अलावा पिछले दिनों हुए एक छोटे से मामले को लेकर कर्मचारियों पर आरोप लगाए गए और उन पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही गई।
शनिकुमार का कहना है कि डस्टबिन में आने वाले कूड़े को वे सलोगड़ा लेकर जाते हैं। इस दौरान कूड़े में कई चीज़ें आती हैं इस दौरान कुछ दवाइयां उसमे पाई गईं तो निगम की तरफ से उन पर कंपनियों से सेटिंग करने के आरोप लगाए जाते हैं। हम नहीं जानते कि कूड़े में क्या क्या शामिल रहता है। इसके बावजूद हम पर आरोप भी लगे और गाली गलौज भी की गई।
रुपाली कहती हैं कि बिना वजह उन्हें निकाल देने की धमकियां दी गईं। वह घर घर से कूड़ा उठाती हैं। पिछले दिनों वह प्रेग्नेंट थीं जिस कारण उन्होंने छोटा वार्ड माँगा जिसमे वह थोड़ा आसानी से काम कर सकें लेकिन उन्हें ऐसा वार्ड और क्षेत्र दिया गया जिसमे बहुत अधिक सीढ़ियां थी। विक्की कहते हैं कि उनके सफाई पर्यवेक्षक का व्यवहार ठीक नहीं है इसलिए उनकी मांग है कि उन्हें उनकी ज़िम्मेदारी से हटाया जाए ताकि इस तरह के मामले दोबारा पेश ना आएं। बता दे कि सफाई कर्मचारी शहर को साफ सुथरा रखने में एक अहम रोल निभाते है,घर घर से कूड़ा उठाने, शौचालय साफ करने शहर की नालियों को चकाचक रखने में ये सफाई कर्मचारी हमेशा आगे रहते है लेकिन आज इनके धरने प्रदर्शन पर बैठने से कहीं न कहीं सफाई व्यवस्था पर चरमराने वाली है।
वहीँ इस बारे में नगर निगम कमिश्नर ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है जिस पर वह जांच कर रहे है अगर किसी कर्मचारी की गलती होगी तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीँ कर्मचारियों को उनके अधिकारों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी।