पंजाब सरकार (Punjab Government) के जल संसाधन विभाग (Water Resource Department) ने अपने कर्मचारियों को एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) में सभी खाते बंद कराने का आदेश किया है। यह पूरा मामला माइनिंग कॉन्ट्रैक्टरों से जुड़ा है। इन माइनिंग कॉन्ट्रैक्टरों को बैंक गारंटी (Bank Guarantee) जारी की गई थी। इन्होंने राज्य सरकार को पेमेंट में चूक किया है। जब विभाग के अधिकारी इन बैंक गारंटी को भुनाने गए तो ऐसा करने से मना कर दिया गया।
नई दिल्ली: एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) देश के दिग्गज बैंकों में शुमार है। अपनी उम्दा सेवाओं के लिए इसका डंका बजता है। यह और बात है कि पंजाब सरकार (Punjab Government) के जल संसाधन विभाग ने अपने कर्मचारियों से इस बैंक में खाता खुलवाने से मना किया है। जिन कर्मचारियों का इस बैंक में पहले से खाता है, उनसे गुजारिश की गई है कि वे इसे बंद करा दें। एचडीएफसी बैंक के साथ खुले सभी अकाउंट को बंद करने को लेकर यह आदेश दिया गया है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस तरह का आदेश देने के पीछे वजह क्या है? दरअसल, कुछ माइनिंग कॉन्ट्रैक्टरों (Mining Contractors) के कारण यह आदेश देना पड़ा है। इन्हें बैंक गारंटी जारी की गई थी। आइए, यहां पूरे मामले के बारे में जानते हैं।
कर्मचारियों को यह आदेश 22 अगस्त 2022 को जारी हुआ है। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव के मार्फत यह आदेश आया है। इसमें यह कदम उठाने की वजह बताई गई है। विभाग ने बताया है कि उसके कुछ एग्जीक्यूटिव इंजीनियर्स और जिला खनन अधिकारियों के संज्ञान में एक अहम बात सामने आई है। वह यह है कि एचडीएफसी बैंक ने कुछ माइनिंग कॉन्ट्रैक्टरों को बैंक गारंटी जारी की थी। इन कॉन्ट्रैक्टरों ने राज्य सरकार को पेमेंट करने में डिफॉल्ट किया है। जब विभाग के अधिकारी बैंक गारंटी को भुनाने पहुंचे तो बैंक ने कोई न कोई कारण बताकर ऐसा करने से मना किया।
आदेश के अनुसार, इसी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि एचडीएफसी बैंक में कोई बैंक अकाउंट (HDFC Bank Account) नहीं रखा जाएगा। जिन कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट (Salary Account) एचडीएफसी बैंक में खुले हुए हैं, उनसे विभाग के व्यापक हित को देखते हुए इन्हें बंद कराने की अपील की गई है। इन कर्मचारियों से कहा गया है कि वे अपनी पसंद के किसी दूसरे बैंक में अपना सैलरी अकाउंट खुलवा लें।
जल संसाधन विभाग ने अपने सभी चीफ इंजीनियरों, एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों,सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियरों को यह आदेश दिया है। इसकी प्रति प्रिंसिपल सेक्रेटरी फाइनेंस और सभी प्रशासनिक सचिवालयों को भी भेजी गई है।