PK की घर वापसी के लिए CM नीतीश का ‘प्लान P’ , ललन-उपेन्द्र नहीं, इस नेता को ‘दूत’ बनाकर भेजा!

Prashant Kishore-Nitish Kumar: नीतीश कुमार कुछ दिन पहले कहा था कि प्रशांत किशोर को बिहार के बारे में कुछ पता नहीं है। अंड-बंड बोलते रहता है। अब उसी प्रशांत किशोर को मनाने की कवायद में नीतीश कुमार जुट गए हैं।

पटना: बिहार की सियासत से बड़ी खबर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ( Prashant Kishore ) को फिर से अपने पाले में लाने के लिए कवायद शुरू कर दी है। खबर है कि इसके लिए पवन वर्मा ( Pavan Varma ) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ‘आज तक’ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार देर शाम नीतीश कुमार पवन वर्मा को अपने आवास पर बुलाकर मुलाकात की और प्रशांत किशोर को मनाने को कहा है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर को बिहार का ABC नहीं मालूम है। पीके बीजेपी से मिले हुए हैं। अब खबर है कि नीतीश कुमार पवन वर्मा को ये जिम्मा दिया है कि वे प्रशांत किशोर से बात कर जेडीयू के ‘मिशन 2024’ के लिए काम करने को मनाएं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार देर शाम नीतीश कुमार और पवन वर्मा के बीच लंबी बातचीत हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नीतीश कुमार मिशन 2024 के लिए प्रशांत किशोर को अपने साथ लाना चाहते हैं। पवन वर्मा प्रशांत किशोर के बेहद करीबी माने जाते हैं। यही कारण है कि नीतीश कुमार प्रशांत किशोर को मनाने के लिए पवन वर्मा को आगे किया है। बता दें कि पवन वर्मा पूर्व राजनयिक रहे हैं। नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी पार्टी से राज्यसभा सांसद बनाया था। बाद में पवन वर्मा ने जेडीयू छोड़कर ममता बनर्जी के टीएमसी में शामिल हो गए थे। जिस वक्त पवन वर्मा ने पार्टी छोड़ा था, उस समय प्रशांत किशोर भी नीतीश से खुलकर अपनी नाराजगी जता रहे थे।
पहले भी मिल चुका है ‘घर वापसी’ का न्योता
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर से कहा था कि वह जेडीयू में एक बार फिर से वापस आ जाएं। खुद प्रशांत किशोर भी स्वीकर कर चुके हैं कि मार्च 2022 में जब वे नीतीश कुमार से दिल्ली में औपचारिक मुलाकात करने गये थे, तो उन्हें वापस जेडीयू में लौटने का न्योता दिया गया था, लेकिन उन्होंने न्योते को स्वीकार नहीं किया। ऐसे में 5 महीने के बाद एक बार पीके की ‘घर वापसी’ की कवायद नीतीश कुमार ने शुरू कर दी है। इस बार नीतीश कुमार पवन वर्मा को आगे कर प्रशांत किशोर को साधना चाहते हैं। बता दें कि प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में खुद दांव आजमाना चाह रहे हैं। इस वक्त वे बिहार में जन सुराज अभियान की शुरुआत की है और प्रदेश के हर जिले की यात्रा कर रहे हैं। जबकि नीतीश कुमार चाहते हैं कि प्रशांत किशोर अपनी राजनीति छोड़कर उनके साथ आएं और मिलकर 2024 के लिए काम करें।

एक साथ प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पर हुई थी कार्रवाई
बता दें कि नीतीश कुमार ने साल 2020 में पवन वर्मा और प्रशांत किशोर पर एक साथ कार्रवाई की थी। जिस वक्त कार्रवाई की गई थी, उस वक्त प्रशांत किशोर जेडीयू के उपाध्यक्ष थे। वहीं, पवन वर्मा महासचिव। दरअसल, पवन वर्मा ने सीएए पर जेडीयू और नीतीश कुमार के स्टैंड पर आपत्ति जताई थी। उसी दौरान प्रशांत किशोर भी खुलकर CAA समेत कई मुद्दों को लेकर नीतीश कुमार का विरोध कर रहे थे। इन्ही सबको लेकर जेडीयू ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की थी और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

मान जाएंगे प्रशांत किशोर?
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के न्योते को स्वीकार करेंगे? हालांकि हाल के दिनों में दोनों ओर से जिस तरीके के बयानबाजी हुई है, उससे तो यही लगता है कि नीतीश के प्रोपोजल को पीके स्वीकार नहीं करेंगे। लेकिन सियासत में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही सीएम नीतीश ने कहा था कि प्रशांत किशोर को बिहार के बारे में ABC पता नहीं है। नीतीश ने तो यहां तक कह दिया था कि प्रशांत किशोर को बीजेपी में जाने का मन है। इसके बाद प्रशांत किशोर ने भी नीतीश को करारा जवाब दिया था।