राजगढ़ 31 अगस्त : राजगढ़, रासूमांदर व पझौता क्षेत्र की अनेक पंचायतों के लोगों ने मुख्यमंत्री को यशवंतनगर- नेरीपुल सड़क के माध्यम से सनौरा पंचायत के रोहड़ी आने का निमंत्रण दिया है ताकि इस रोड़ पर की जा रही टायरिगं की गुणवता की असली तस्वीर सीएम जयराम ठाकुर खुद देख ले।
बता दें कि पझौता घाटी के रोहड़ी में आगामी दो सितंबर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के 75 वर्ष पूर्ण होने पर एक समारोह में पधार रहे हैं। पझौता स्वतंत्रता सैनानी परिवार कल्याण समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश चौहान, पूर्व जिप सदस्य शकुंतला प्रकाश, राणाघाट पंचायत के पूर्व उप प्रधान सत्यपाल ठाकुर, नरेश कुमार, मनोज राणा, सुखदेव प्रधान मस्तराम भारती, पूर्व प्रधान अरूण मेहता, जगमोहन मेहता, रमेश सरैक, विकास कुमार, देवराज, जातीराम कमल, अशोक कुमार सहित अनेक लोगों ने मुख्यमंत्री को सनौरा-नेरीपुल रोड़ के माध्यम से पझौता आने का निमंत्रण दिया है। इनका कहना है कि प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब तीन महीने बाद ही टायरिग उखड़ गई और सड़क गडडों में तबदील हो गई है।
लोगों ने टायरिंग की गुणवता पर सवाल खड़े किए है। उनका कहना है कि रोड़ की अब यह स्थिति हो चुकी है कि सड़क में गडडे नहीं, बल्कि गडडों में सड़क बन चुकी है। लोगों का कहना कि सनौरा-नेरीपुल -छैला रोड़ के लिए पहली बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उदारता से 46 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है, ताकि कुछ वर्षों तक लोगों को धूल व गडडों के सफर से राहत मिल सके।
बता दें कि मार्च-अप्रैल माह में सनौरा से नेरीपुल तक टारिंग की गई थी जोकि तीन महीने बाद पहली बरसात में गड्ढों में तब्दील हो गई। रोष व्याप्त लोगों ने मुख्यमंत्री से इसकी उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की गई है ताकि विभाग की लापरवाही उजागर हो सके ।
दरअसल, तीन जिला को जोड़ने वाली इस सड़क के सुधारीकरण व पक्का करने पर प्रदेश सरकार ने 46 करोड़ की राशि व्यय स्वीकृत की गई है। जिसकी डीपीआर पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाई गई थी और इसे वर्तमान सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया था।
विभागीय सूत्रों के अनुसार इस 85 किलोमीटर लंबी इस सड़क का 42 किमी हिस्सा राजगढ़ डिवीजन के अधीन आता है । शेष 43 किलोमीटर हिस्सा ठियोग, सोलन और कसौली डिविजन के अधीन आता है। विभाग द्वारा इस कार्य को जुलाई 2020 को अवार्ड किया गया है। आगामी वर्ष 2025 तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ।
यही नहीं विभाग द्वारा शरगांव गज्यों से पनेली तक के करीब डेढ किलोमीटर हिस्से को पक्का करना छोड़ दिया है। इस हिस्से में इतने गहरे गडडे हैं कि छोटी गाड़ियों के चैंबर टूट जाते है। सबसे अहम बात यह है कि विभाग द्वारा इस सड़क को नौ टन गाड़ियों के भार को ध्यान में रखते हुए पक्का किया गया है। जबकि इस सड़क पर करीब तीस टन भार वाले टिप्पर ट्राॅला बेलगाम चल रहे हैं जिन पर विभाग का कोई निंयंत्रण नहीं है।
अधीशासी अभियंता लोनिवि मंडल राजगढ़ नरेन्द्र वर्मा ने माना कि बरसात में सारी टारिंग उखड़ कर गडडों में तबदील हो चुकी है और इसकी मुरम्मत शीघ्र करवा दी जाएगी ।