हिमाचल में एक्शन में CM सुक्खूः सभी लंबित टेंडर रद्द, शिलान्यास-उद्घाटनों का ब्यौरा तलब

शिमला. हिमाचल प्रदेश में नई सरकार के गठन और कार्यभार संभालने के तुरंत बाद सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू एक्शन मोड में आ गए हैं. कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश में सभी लंबित टेंडर रद्द करने का निर्णय लिया है. छह महीने में हुए तमाम शिलान्यासों और उद्घाटनों का भी ब्यौरा मांगा गया है. 15 दिसंबर तक जानकारी देनी होगी. जयराम सरकार में एक अप्रैल 2022 के बाद कैबिनेट में लिए सभी फैसलों की समीक्षा सुक्खू सरकार करेगी.

जानकारी के अनुसार, पूर्व सरकार के कार्यकाल में शिक्षा, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों में मल्टी टास्क वर्कर भर्तियां हुई हैं. इसे लेकर विधायक हर्षवर्द्धन चौहान की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. इसमें जगत सिंह नेगी, संजय रत्न, मोहन लाल ब्राक्टा को सदस्य बनाया है. यह कमेटी इन भर्तियों सहित पैरा वर्कर भर्ती के मामले भी देखेगी.

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हिमाचल भवन और राज्य अतिथि गृहों में विधायकों को नो वीआईपी ट्रीटमेंट

इससे पहले, सोमवार दोपहर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यहां कांग्रेस विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता की. इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि विधायकों एवं उनके परिजनों को हिमाचल भवन/सदन और राज्य अतिथि गृहों में आम जनता के समान कमरों के किराए की अदायगी करनी होगी. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार जन शिकायतों के निवारण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सुशासन में पारदर्शिता लाने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य करेगी.

सोमवार शाम को जारी आदेशों के अनुसार, जयराम सरकार के कार्यकाल में अधिकारियों को दिया गया पुनर्रोजगार समाप्त कर दिया गया है, जबकि मेडिकल कॉलेजों को इससे अलग रखा गया है. राज्य के निगमों, बोर्डों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नामित सदस्यों और अन्य कमेटियों तथा शहरी निकायों में नामित सदस्यों की नियुक्तियां रद्द करने के निर्देश जारी किए गए हैं. साथ ही  हिमाचल लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग को छोड़कर सभी राजकीय विश्वविद्यालय, सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त निकायों में चल रही सभी तरह की भर्ती प्रक्रिया प्रकिया पर भी रोक लगा दी गई है. हालांकि यह स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में की जा रही भर्तियों पर लागू नहीं होंगॉ. इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिव को उपयुक्त आदेश जारी कर दिए हैं, जिन अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले किए गए थे और उन पर भी स्टे लगाया गया है.