युवाओं के बजाय बुजुर्गों में बढ़ रही कोकीन की लत, मेंटल हेल्थ पर पड़ रहा गहरा असर, अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज

Cocaine Black Market in Britain : ब्रिटेन में ऐसे बुजुर्ग मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जो कोकीन की लत के चलते अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। अक्सर युवाओं को अपना शिकार बनाने वाला यह ड्रग अब बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है।

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प्रतीकात्मक फोटोलंदन : दुनियाभर में ज्यादातर युवा ड्रग्स की लत का शिकार होते हैं लेकिन ब्रिटेन में अब बुजुर्ग इसकी चपेट में आ रहे हैं। ब्रिटेन में बड़ी संख्या में बुजुर्ग कोकीन की लत के चलते अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। आंकड़ों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स इसकी जानकारी दे रही हैं। आमतौर पर श्रमिकों और युवाओं से संबंधित ड्रग अब बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य को तेजी से प्रभावित कर रहा है। एनएचएस के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल 517 मामले ऐसे थे जब 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोकीन के इस्तेमाल से जुड़ी मानसिक और व्यवहारिक समस्याओं की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया।

द सन की खबर के अनुसार, यह आंकड़ा 2020 से 25 फीसदी ज्यादा है और पांस साल पहले की तुलना में दोगुना है। वहीं भर्ती किए गए हर उम्र के लोगों की संख्या महामारी से पहले 15,060 से गिरकर 2021 में 12,470 हो गई है। पिछले साल के एनएचएस इंग्लैंड के आंकड़ों से पता चलता है कि 90 की उम्र के 8 और 80 की उम्र के 15 लोगों को कोकीन से संबंधित कारणों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया।

3.6 मिलियन ने कभी न कभी किया कोकीन का सेवन
ड्रग की लत को दूर करने के लिए एनएचएस से इलाज की मांग करने वाले बुजुर्गों की संख्या में बढ़ोत्तरी से इसका खुलासा हुआ। हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि 60 साल या उससे अधिक उम्र के 336 लोग अपनी कोकीन की आदत का इलाज करवा रहे हैं। यह आंकड़ा पांच साल पहले की तुलना में, 219, 50 फीसदी से अधिक की वृद्धि को दिखाता है। आधिकारिक अनुमान बताते हैं कि इंग्लैंड और वेल्स में करीब 3.6 मिलियन लोगों ने अपने जीवन में कभी न कभी कोकीन का सेवन किया है।
गांजे के बाद दूसरा सबसे लोकप्रिय ड्रग
पिछले साल 987,000 लोगों का इसका इस्तेमाल किया। यह देश में गांजे के बाद दूसरा सबसे लोकप्रिय ड्रग है। कोकीन को बनाने में कोका की पत्तियों का ही सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल किया जाता है। दुनियाभर में नशीले पदार्थों का अवैध व्‍यापार करीब 400 अरब डॉलर का है। कोकीन के ल‍िहाज से उसका सबसे बड़ा बाजार अमेरिका और यूरोप है लेकिन अब भारत और चीन जैसे देशों में भी इसके शौकिन बढ़ते जा रहे हैं।