कांगड़ा घाटी ग्रीष्मोत्सव पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में सराहनीय कदमः जय राम ठाकुर

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार को बड़ा झटका दिया है. शिमला नगर निगम में किए गए दो वार्डो के पुनर्सीमांकन पर हाईकोर्ट ने शिमला के उपायुक्त को पुनर्विचार करने के निर्देश जारी किए हैं.

पुनर्सीमांकन को लेकर उच्च न्यायालय में तीन याचिकाएं दायर की गई थी. इन याचिकाओं में दो याचिका समरहिल वॉर्ड के सीमांकन और एक याचिका नाभा वार्ड के सीमांकन से जुड़ी हुई थी. इसके अलावा एक याचिका समरहिल वॉर्ड रोस्टर रिजर्वेशन रोस्टर को लेकर भी एक याचिका दायर की गई थी. रोस्टर से जुड़ी इस याचिका में समरहिल बोर्ड को महिलाओं के लिए रिजर्व करने पर आपत्ति दर्ज करवाई गई थी. 

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पुनर्सीमांकन की याचिका को स्वीकार करते हुए वार्ड नंबर 5 समरहिल और वार्ड नंबर 11 नाभा में किए गए पुनर्सीमांकन पर पुनर्विचार करने के आदेश जारी किए हैं. इसके अलावा रोस्टर को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया गया है.  हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से सिर्फ वार्ड नंबर 5 और वार्ड नंबर 11 के पुनर्सीमांकन पर विचार करने के आदेश जारी किए गए हैं. अन्य वार्डों में सरकार की ओर से किए गए  पुनर्सीमांकन की स्थिति यथावत बनी रहेगी.

बता दें कि 24 फरवरी, 2022 को शिमला उपायुक्त ने पुनर्सीमांकन के निर्देश जारी किए थे. इसके बाद मामले में कुल 4 याचिकाएं दायर की गई थी. कुल चार याचिकाओं में पुनर्सीमांकन से जुड़ी तीन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए संबंधित याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों को सुनने के निर्देश दिए गए हैं. नगर निगम शिमला के 34 वार्ड थे जिसमें पुनर्सीमांकन कर 41 बनाये गए थे।