एसआर लैब को अस्पताल से हटे हुए करीब 15 दिन हो गए हैं, लेकिन पुणे की कंपनी ने अस्पतालों में आधारभूत ढांचा विकसित नहीं किया है। ऐसे में मरीजों को टेस्ट कराने में दिक्कतें पेश आ रही हैं।
अस्पतालों में आधारभूत ढांचा विकसित न होने तक कंपनी के कर्मचारियों को व्हाट्सएप पर मरीजों को टेस्ट रिपोर्ट की जानकारी देनी होगी। कर्मचारियों को चंडीगढ़ प्रयोगशाला में सैंपलों की जांच करवानी होगी। रिपोर्ट की जानकारी मिलने पर मरीज अपना इलाज डॉक्टरों से शुरू करवा सकेंगे।
सरकार ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी), कमला नेहरू अस्पताल (केएनएच) और टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा में यह व्यवस्था करने के लिए कहा है। सरकारी आपात प्रयोगशाला में 24 घंटे मरीजों के टेस्ट होंगे। इनमें पैरा मेडिकल स्टाफ को रोटेशन में सेवाएं देने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पांडा ने स्वास्थ्य और कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा है।
सरकारी अस्पताल परिसर में पहले टेस्ट कराने का जिम्मा एसआर निजी लैब पर था। इस कंपनी का टेंडर खत्म होने पर सरकार ने अगले टेंडर के लिए कंपनियों से निविदाएं मांगीं। इसमें पुणे की कंपनी का टेंडर सबसे कम था। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर उक्त कंपनी को दे दिया। एसआर लैब को अस्पताल से हटे हुए करीब 15 दिन हो गए हैं, लेकिन पुणे की कंपनी ने अस्पतालों में आधारभूत ढांचा विकसित नहीं किया है। ऐसे में मरीजों को टेस्ट कराने में दिक्कतें पेश आ रही हैं।
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी लैब में मरीजों के टेस्ट करने में तेजी लाई है, लेकिन भीड़ के चलते समय पर लोगों के टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में मरीजों को उपचार कराने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पांडा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है। इसमें व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कहा गया है। कंपनी को चंडीगढ़ सैंपल की जांच करने को कहा गया है।
टेस्ट करवाने की मशीनरियां आनी शुरू
कंपनी के अधिकारियों ने सरकार को आश्वस्त किया है कि मशीनरी आनी शुरू हो गई है। आठ से दस दिन के भीतर मरीजों के टेस्ट शुरू कर दिए जाएंगे।