परवाणू के अस्पताल से अगर आप को पीजीआई रैफर किया जा रहा है तो आप को अपने साथ एम्बुलेंस का चालक ले जाना होगा। ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि परवाणु में 4 नवंबर को 108 एम्बुलेंस का चालक अपनी सुध बुध में नहीं था। जिसके चलते रोगी का अनमोल जीवन बचाने के लिए उसके साथ आए ,तीमारदार ने ही एम्बुलेंस को चला कर पीजीआई पहुंचाया गया। तब जा कर मरीज की जान बच सकी। सूत्रों की माने तो तीमारदार ने चालक को काफी मिन्नतें की थी कि उनके रोगी को वह पीजीआई पहुंचा दे। लेकिन वह इस हालत में नहीं था कि वह एम्बुलेंस को चला सके। तो जैसे तैसे तीमारदार ने चालक को अपने साथ एम्बुलेंस में बिठाया और फिर पीजीआई पहुंचाया। अगर रोगी को रास्ते में कुछ हो जाता तो उसका जिम्मेवार कौन होता
परवाणू में 4 नवम्बर को, 108 के ड्राइवर के नशे की हालत में, होने के चलते, स्वजन द्वारा एम्बुलेंस ले जाने के मामले में मरीज के परिवार ने स्वास्थ्य विभाग को मेल द्वारा शिकायत शिकायत ! जिसमे उन्होंने उस घटना के बारे में सारी जानकारी दी तथा इस मामले में सख्त कार्यवाही की मांग की ! परिवार के सदस्यों से बात करने पर उन्होंने बताया की इस घटना के की शिकायत इसलिए जरुरी नहीं की यह हमारे साथ हुई है बल्कि इसलिए जरुरी है की यह भविष्य में भी किसी के भी साथ हो सकती है ! उन्होंने कहा की गनीमत रही की परिवार के सदस्यों द्वारा वाहन चला कर मरीज की जान बचा ली गयी परन्तु जिस परिवार में कोई वाहन चलाने वाला न हो उनके मरीज को कौन बचाएगा ! यह जिम्मेवारी पूरी तरह से अस्पताल व् 108 विभाग की है उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए की मरीज को जो वाहन दिया जा रहा है वह सुरक्षित है तथा उसमे बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हैं या नहीं !
इस बार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.मुक्त रस्तोगी से बात करने पर उन्होंने कहा की उन्हें इस बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं है व् न ही ईएसआई अस्पताल की ओर से ऐसी किसी घटना की सुचना मिली है ! उन्होंने कहा की इस मामले के बारे में जानकारी हासिल कर इसकी जांच की जाएगी ! वहीँ 108 सेवा के जिला प्रभारी ने बताया की इस मामले में दोनों चालकों को दोषी पाया गया है व् विभाग द्वारा कार्रवाही अमल में लायी जा रही है !
2021-11-08