ऊना (विशाल): दिल्ली में कांग्रेस का न तो कोई बाप है और न ही कोई मौसी। एक समय था जब देशभर में कांग्रेस के 22 मुख्यमंत्री हुआ करते थे, लेकिन आज की तारीख में देशभर में कांग्रेस के पास सिर्फ 2 मुख्यमंत्री बचे हैं और वे भी आने वाले समय में जाने वाले हैं। यह बात ऊना में पत्रकारों से बात करते हुए वन एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कही। पठानिया ने कहा कि विधायक जनता द्वारा चुना गया नुमाइंदा होता है और वह अच्छे और बुरे की भली प्रकार से पहचान कर सकता है। जब केंद्र के कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में घुटन महसूस कर सकते हैं तो हिमाचल कांग्रेस के विधायक भी वही महसूस करके पार्टी छोड़कर भाजपा में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नबी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के सभी फैसले राहुल गांधी के पीए या उनके सिक्योरिटी गार्ड्स लेते हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी एक ऐसी डूबती हुई नैया बन चुकी है, जिसमें अनेकों छेद हो चुके हैं।
सरकार ने खैर कटान पर लगे प्रतिबंध को हटाने का लिया फैसला
वहीं ऊना में वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती की मौजूदगी में पत्रकार वार्ता के दौरान पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा खैर कटान को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। अभी तक हर कटान पर 10 साल के प्रतिबंध की शर्त लगाई गई थी, जिसके चलते हिमाचल प्रदेश के ही भूमि मालिकों और जमींदारों को नुक्सान उठाना पड़ता था। यहां तक कि विपत्ति के समय भी उन्हें अपनी ही भूमि पर लगाए गए खैर के पेड़ों का कोई लाभ नहीं हो पाता था लेकिन सरकार ने 10 साल के इस प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है और इस पर लगभग पूरी प्रक्रिया मुकम्मल कर ली गई है और बाकी बची प्रक्रिया भी जल्द ही पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में जमीनें तो जमींदारों की हैं, लेकिन उस पर लगे खैर के पेड़ प्रदेश सरकार के हैं। जमींदारों के लिए सरकार नियमों में बदलाव करने जा रही है, जिसका जमींदारों को लाभ होगा।