बेजुबान जानवरों का कोई घर नहीं होता. न ही उन्हें खाने के लिए ढंग से रोटी नसीब होती है. वहीं सड़कों पर टहलते हुए कई बार वे दुर्घटना का भी शिकार हो जाते हैं. घायल जानवरों का इलाज न होने के कारण उनकी मौत हो जाती है. ऐसे में नोएडा की एक महिला उन बेसहारा जानवरों का सहारा बनी हुई हैं. एक मां की तरह उनकी सेवा करती हैं. लोग उन्हें प्यार से डॉग मदर कहकर बुलाते हैं.
नोएडा की रहने वाली कावेरी राणा भारद्वाज को जानवरों से बहुत लगाव है. वे उनका दुःख नहीं देख पाती और उन्हें अपने घर ले आती हैं. उन्होंने अब तक हजारों जानवरों का रेस्क्यू किया है. जिसमें कुत्ते से लेकर मछली तक शामिल हैं.
कावेरी का कहना है कि मुझे कोई भी जानवर परेशान दिखता है तो मैं उसे अपने साथ घर ले आती हूं. मैंने एक सेंचुरी तैयार की है. जिसमें उन जानवरों को पालती हूं. उनकी देखभाल करती हूं.
कावेरी के मुताबिक, कई बार सड़क हादसे में जानवर घायल हो जाते हैं. बेहतर इलाज न मिल पाने की वजह से वो तड़प तड़पकर दम तोड़ देते हैं. लेकिन जब मुझे ऐसे जानवरों के बारे में सूचना मिलती है तो मैं उन्हें अपने साथ सेंचुरी में ले आती हूं.
कई बार लोग अपने पालतू जानवरों को बूढ़ा होने के बाद भी आवारा की तरह भटकने के लिए छोड़ देते हैं. उन्हें भी कावेरी सहारा देती हैं. उनके सेंचुरी में हजारों बेसहारा-बेजुबान जानवर सुखद जीवन जी रहे हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो वन विभाग के लोग भी कावेरी से मदद लेते हैं. कावेरी इन जानवरों की देखभाल के लिए फंड इकट्ठा करती हैं. उन्हीं चंदे के पैसों से उन बेजुबानों के खाने, पीने और रहने का प्रबंध करती हैं. उनके सेंचुरी में कई विकलांग जानवर भी मौजूद हैं. जिनका कावेरी इलाज करवा रही हैं.
जब कावेरी ने इस नेक काम की शुरुआत की थी. तो लोग उन्हें कुत्ते वाली कहकर पुकारते थे. लेकिन अब वही लोग न सिर्फ उनके कामों की सराहना करते हैं बल्कि उन्हें ‘डॉग मदर’ कहकर बुलाते हैं. कावेरी की दरियादिली दूसरे लोगों के लिए एक मिसाल है.