Construction of indoor stadium could not start even after the money came to Solan Sports Department

सोलन खेल विभाग के पास पैसा आ जाने के बाद भी नहीं शुरू हो पाया इंडोर स्टेडियम का निर्माण कार्य

सोलन में ठोडो  मैदान के समीप इंडोर  स्टेडियम बनना प्रस्तावित है | इस  का शिलान्यास  पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने  किया था  |  इसके बाद भी यहां आज तक इनडोर स्टेडियम के निर्माण में एक ईट तक नहीं लग सकी |  जिसके चलते खिलाड़ियों को उनकी प्रतिभा को तराशने के लिए उपयुक्त स्थान नहीं मिल रहा है |  भाजपा सरकार के बाद कांग्रेस की सरकार आई लेकिन उन्होंने भी इस प्रोजक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया | दोबारा भाजपा की सरकार आई इंडोर  स्टेडियम का पैसा लोकनिर्माण विभाग के पास जमा करवाया गया | लोकनिर्माण विभाग ने सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर  कई महीने पहले  खेल विभाग को इंडोर स्टेडियम स्थल पर लगे पेड़ों को काटने के लिए आग्रह किया | लेकिन विभाग की लेटलतीफी  या  खिलाड़ियों के प्रति असंवेदनशीलता  की वजह से यह कार्य सिरे नहीं चढ़ पाया है | यही वजह है कि स्टेडियम निर्माण का कार्य  पैसा आ जाने के बाद भी    आरम्भ नहीं हो पाया है | 

 
जब इस बारे में जिला खेल अधिकारी  सुदेश धीमान से पुछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ माह पहले ही जिला का दायित्व सम्भाला है | लेकिन जिस दिन से उन्हें स्टेडियम के बारे में पता चला है वह इसके लिए कार्यकर रहे है | नगर परिषद को  पेड़ों को काटने का आग्रह किया गया है | लेकिन अभी तक उनके द्वारा पेड़ नहीं काटे गए है | वह जल्द एक बार और उन्हें आग्रह करने वाले है | उन्होंने कहा कि खेल विभाग चाहता है कि खिलाड़ियों को तराशने के लिए इंडोर स्टेडियम का निर्माण जल्द से जल्द हो | उन्होंने कहा कि जैसे ही नगर परिषद जैसे ही स्थान की सफाई करेगी उसके बाद निशानदेही कर काम को आरम्भ कर दिया जाएगा | उन्होंने कहा कि विभाग ने अन्य विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया है | 
बाइट 
 
करोड़ों रूपये से यह इंडोर  स्टेडियम कई वर्षो पहले 5 करोड़ से निर्मित किया जाना था लेकिन अब यह लागत और बढ़ चुकी है |  बताया जा रहा है कि अब करीबन 9 करोड़ से इस का निर्माण होगा | लेकिन अगर सभी विभाग कछुए की चाल से इसी तरह चलते रहे तो निर्माण की लागत और भी बढ़ सकती है |  लेकिन शायद सरकारी विभागों के अधिकारियों से इस हानि का कोई लेना देना नहीं है और न ही सरकार में उन्हें कोई पूछने वाला है | लेकिन खिलाड़िओं की प्रतिभा लेटलतीफी के कारण टूटती जा रही है |