शामती गांव पहले पंचायत में आता था लेकिन नगर निगम बनने के बाद इस का कुछ क्षेत्र वार्ड नंबर 15 में आ गया। नगर निगम में यह क्षेत्र शामिल न हो इसके लिए गांव वासियों ने काफी विरोध प्रदर्शन भी किया था। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया था कि नगर निगम में शामिल होने से उनके क्षेत्र का विकास होगा और उन्हें काफी आधुनिक सुविधाएं दी जाएँगी। उनके क्षेत्र के विकास के लिए अलग से बजट भी आएगा। लेकिन नगर निगम में शामती गाँव को शामिल करने के बाद यहाँ के लोगों को क्या समस्याएं आ रही है इस बात की सुध न भाजपा ने ली और न ही कांग्रेस ने। जिसके चलते क्षेत्रवासियों में भारी रोष देखा जा रहा है।
परसराम ,दयाल रतन , शिवानी निहाल ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि चुनावों के समय तो उनसे बहुत से वायदे किए गए थे। उन्हें विकास के सब्ज बाग़ दिखाए थे और कहा था कि उनकी सड़कों की व्यवस्थाओं को दरुस्त कर दिया जाएगा। उनके क्षेत्र को साफ़ सुथरा और स्वच्छ बनाया जाएगा लेकिन अब उनकी ओर कुछ भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते उन्हें बेहद असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। जगह जगह गंदगी के ढेर लगे पड़े है। उनके प्रकृतिक स्त्रोत भी गंदगी के कारण दूषित हो चले है। माह में बहुत कम बार ही क्षेत्र की सफाई हो रही है। उन्होंने कहा कि उनका पानी भी गंदगी की वजह से दूषित हो रहा है।