इनमें से एक में सड़क पर अकेले आगे बढ़ रहा एक निहत्था किशोर दिखता है. उसके पीछे चल रहे कुछ लोग इस्लाम जिंदाबाद का नारा लगाते हैं.
वह महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) के डिवाइडर पर चढता है. तभी एक गोली सामने से उसके सिर में लगती है. वो वहीं पर गिर जाता है. तब उसके पीछे चल रहे कुछ युवा आगे आते हैं. आवाज आती है – भाई ये मर गया. ये मर गया भाई…!
देर शाम यह बात फैलती है कि वो 15 साल मुद्दसिर है, जो हिंदपीड़ी के राईन मोहल्ले में रहने वाले परवेज़ आलम का इकलौता बेटा है. उसे इलाज के लिए राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत नाजुक है.