अग्निपथ योजना को लेकर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विवादित बोल सामने आए हैं। विजयवर्गीय ने कहा कि अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीरों को भाजपा कार्यालय में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी।
दरअसल विजयवर्गीय रविवार को भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने कई विषयों को लेकर बात की। अग्निपथ योजना को लेकर सवाल पूछे जाने पर इसके बारे में बताया। इस दौरान विजयवर्गीय ने कहा कि अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीरों को भाजपा कार्यालयों में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘मुझे इस भाजपा ऑफिस में अगर सुरक्षा रखनी है तो मैं अग्निवीर को प्राथिमकता दूंगा।’ इसके बाद उनके इस बयान का विरोध शुरू हो गया। इस पर वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा, जिस महान सेना की वीर गाथाएं कह सकने में समूचा शब्दकोश असमर्थ हो, जिनके पराक्रम का डंका समस्त विश्व में गुंजायमान हो, उस भारतीय सैनिक को किसी राजनीतिक दफ़्तर की ‘चौकीदारी’ करने का न्यौता, उसे देने वाले को ही मुबारक। भारतीय सेना मां भारती की सेवा का माध्यम है, महज एक ‘नौकरी’ नहीं।
विरोध के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर लिखा, अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे, सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वह जिस भी क्षेत्र में जाएंगे वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा। मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था। टूलकिट से जुड़े लोग मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करके कर्मवीरों का अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं। यह देश के कर्मवीरों का अपमान होगा। राष्ट्रवीरो-धर्मवीरों के ख़िलाफ़ इस टूलकिट गैंग के षड्यंत्रों को देश भली भांति जानता है।
योजना को लेकर फैलाया जा रहा है भ्रम
अग्निवीर योजना को लेकर रविवार को भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस योजना को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। यदि सेना में 21 साल ने कोई जवान भर्ती होगा और 25 साल में रिटायर हो जाएगा तो वह अग्निवीर का तमगा लेकर घूमेगा। यदि मुझे भी इस भाजपा दफ्तर में सिक्योरिटी रखने की जरुरत पड़ी तो हम अग्निवीरों को रखेंगे। विजयवर्गीय ने कहा कि वर्तमान में 32 हजार पूर्व सैनिक देश में है। क्या आपने कभी किसी सैनिक को आंतकवादी गतिविधियों व गलत कार्यों में लिप्त पाया है। उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना कोई राजनीतिक फैसला नहीं है। बल्कि यह तीनों सेनाध्यक्षों ने साथ मिलकर एक प्रस्ताव बनाया है, जो केंद्र सरकार को भेजा है। दुनिया के अलग-अलग देशों में सेना में युवाओं को कान्ट्रैक्ट पर रखा जाता है। वहां पेंशन की कोई व्यवस्था नहीं है। बल्कि चार साल की नौकरी खत्म होने के बाद केंद्र सरकार 12 लाख रुपये भी दे रही है। योजना को गलत तरीके से समझा जा रहा है।
विजयवर्गीय ने सरकार की उक्त योजना को लाभकारी बताते हुए कहा कि चार साल की सेवा के बाद जब वह बाहर निकलेगा तो 11 लाख रु. उसके हाथ में होंगे। वह छाती पर अग्निवीर का तमगा लगाकर घूमेगा। फौजी विश्वास का नाम है, फौजी पर लोगों को विश्वास है। विजयवर्गीय ने स्पष्ट किया कि अग्निपथ योजना का निर्णय पॉलिटिकल नहीं है। यह तीनों सेना के अध्यक्षों व उनकी टीम का सरकार को सुझाव है। कारगिल व किसी भी प्रकार के युद्ध के बाद हमारे देश में एक कमीशन बैठता है जो तय करता है कि क्या खोया और क्या पाया। आयोग ने पाया कि हमारी सेना की एज कम होना चाहिए। यह उस कमीशन की रिपोर्ट है और तब से ही प्रक्रिया चल रही है, लगभग 20 वर्षों से। यह कोई एक दिन का निर्णय नहीं है। यह तीनों सेना अध्यक्षों, उनकी टीम व रिटायर्ड सेना के अधिकारियों के माध्यमों से लिया गया निर्णय है। हमें गर्व है कि हमारी सेना विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है लेकिन एक कमी है। अमेरिका की सेना की एवरेज एज 25 से 26 वर्ष है। रशिया, फ्रांस व चाइना की भी लगभग इतनी ही है। कहने में यह आता है कि वहां की सेना युवा है जबकि भारत की सेना की एवरेज 32 वर्ष है। इसके कारणों को खोजा गया तो पता चला कि वहां पर तीन, चार, पांच, आठ साल में कांट्रैक्ट पर सेना में कोई भी काम कर सकता है। ये सुविधाएं चाइना, अमेरिका, फ्रांस व रशिया में हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बयान की निंदा
विजयवर्गीय ने कहा कि मैंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का बयान सुना। उन्होंने कहा कि अगर आप युवाओं को हथियार देंगे तो वे आतंकवादी बनेंगे। मुझे उनके बारे में ऐसा बोलना नहीं चाहिए लेकिन यह नासमझी वाला बयान है। देश में 32 लाख पूर्व सैनिक हैं। एक सैनिक बता दें जो अवैध गतिविधि में संलग्न हो। आप ऐसा बोल कर सैनिकों का अपमान कर रहे हैं और युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं। कभी सुना कि फौजी आतंकवादी बन गए। उसने कभी अपने स्किल का उपयोग क्या कभी देश के विरोध में किया। उन्हें इस प्रकार सेना का अपमान नहीं करना चाहिए। मैं उनके नासमझी वाले बयान की निंदा करता हूं।