हिमाचल प्रदेश में धर्म संसद के पहले ही दिन भड़काऊ भाषण देने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. ऊना जिला के अंब उपमंडल के मुबारिकपुर में 3 दिवसीय धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है. भाषण को लेकर विवाद के बाद पुलिस ने आयोजनकर्ता को भड़काऊ भाषण न देने लिए नोटिस जारी किया है. किसी भी अप्रिय घटना से बचने और सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है. बटालियन की दो टुकड़ियां धर्म संसद वाली जगह पर मोर्चा संभाले हुए हैं.
आपको बता दें धर्म संसद की अध्यक्षता यति नरसिंहानंद सरस्वती खुद कर रहे हैं. उन्हीं के शिष्य यति सत्देवानन्द सरस्वती की ओर से धर्म संसद का आयोजन किया गया है. सनातन धर्म के संरक्षण और हिंदू समाज के विभिन्न धार्मिक पर्वों के सुरक्षित आयोजन के चिंतन मनन को लेकर संत समाज के साथ हिंदू संगठनों के प्रचार को और अन्य लोगों की ओर से धर्म संसद बुलाई गई है.
संत समाज का कहना है कि वर्तमान परिदृश्य में हिंदू अपने ही देश में असुरक्षित हो चुके हैं. परिस्थिति यह है कि चाहे कोई भी राजनीतिक दल हो वह राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते हिंदू हितों को कुचलने में कोई कमी नहीं रख रहा, जिससे हिंदू संस्कृति का लगातार पतन जारी है.
उन्होंने दो टूक कहा कि हिंदुओं को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए, इसके साथ-साथ परिवारों को मजबूत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि परिवारों की मजबूती पैसे से नहीं होती अपितु रिश्तो को मजबूत करने से ही परिवारों की मजबूती होती है. उन्होंने कहा कि बच्चों को सु-संस्कारी बनाने के साथ बलशाली भी बनाएं जिससे वह अपने परिवारों और विशेष रूप से बहू बेटियों की सुरक्षा कर सकें. साथ ही देव भूमि और हिंदू भूमि की सुरक्षा कर सकें.