WHO On China Coronavirus Cases : चीन में एक बार फिर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ज्यादातर लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लगवाई है और अस्पताल मरीजों से भरा हुआ है। लेकिन चीन की ओर से जारी आंकड़े दुनिया को ‘सामान्य हालात’ की संदेहास्पद तस्वीर दिखा रहे हैं।
बीजिंग : कुछ महीनों की राहत के बाद कोरोना वायरस एक बार फिर लोगों की चिंताएं बढ़ाने लगा है। फिलहाल चीन में इसकी भयानक लहर देखी जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि नई कोविड लहर की आशंकाओं के बीच चीन में अस्पताल तेजी से भरते दिखाई दे रहे हैं। डॉ माइकल रयान ने कहा कि आईसीयू बेहद व्यस्त हैं जबकि अधिकारियों का कहना है कि संख्या ‘अपेक्षाकृत कम’ है। चीन की तरफ से जो आंकड़ा जारी किया जा रहा है, वह विशेषज्ञों के अनुमान, मीडिया रिपोर्ट्स, सोशल मीडिया की तस्वीरों और वीडियो से बिल्कुल अलग है।
बीबीसी की खबर के अनुसार चीन के आंकड़े बताते हैं कि बुधवार को कोविड से किसी की मौत नहीं हुई लेकिन संक्रमण को वास्तविक असर को लेकर संदेह की स्थिति बनी हुई है। चीन में हालिया कोविड मामलों में उछाल के बीच बीजिंग और अन्य शहरों के अस्पताल भर रहे हैं। 2020 से, चीन में ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ के तहत सख्त प्रतिबंध लागू हैं। लंबे समय तक कड़े लॉकडाउन की कैद में रहने के बाद कुछ दिनों पहले जनता का गुस्सा फूट गया। देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने दो हफ्ते पहले ज्यादातर प्रतिबंधों में छूट दे दी है।
मामले कम तो कैसे भर रहे चीन के ICU?
ढील देने के बाद से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चीन में बूस्टर डोज लेने वालों का आंकड़ा बेहद कम है इसलिए विशेष रूप से कमजोर वर्ग जैसे बुजुर्गों के जान गंवाने का खतरा बढ़ गया है। मामले बढ़ने के बावजूद आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि मंगलवार को कोविड से सिर्फ पांच और सोमवार को सिर्फ दो लोगों की मौत हुई थी। डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन प्रमुख डॉ रयान ने कहा कि चीन में आईसीयू में मामलों की संख्या अपेक्षाकृत कम बताई जा रही है, लेकिन रहस्यमय तरह से आईसीयू भर रहे हैं।
सटीक आंकड़े जारी करे चीन : WHO
जिनेवा में एक वीकली न्यूज कान्फ्रेंस के दौरान बोलते हुए डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसुस ने कहा कि वह ‘चीन में बदलती स्थिति से बहुत चिंतित हैं’। उन्होंने बीमारी की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और आईसीयू मामलों पर सटीक आंकड़े जारी करने की अपील की है। डॉ रयान ने टीकाकरण को कोरोना वायरस प्रकोप से बचने की रणनीति बताया। चीन ने अपने खुद के टीकों को विकसित कर उनका उत्पादन किया है। ये दुनिया के बाकी हिस्सों में इस्तेमाल किए जाने वाले एमआरएनए टीकों की तुलना में गंभीर कोविड बीमारी और मौत के खिलाफ बचाव में कम प्रभावी साबित हुए हैं।