महाराष्ट्र में कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं. सोमवार को लगातार दूसरे दिन राज्य में एक हजार से ज्यादा नए मामले मिले. सोमवार को 1036 नए केस रिपोर्ट किए गए. पिछले सात दिनों का औसत देखें तो ये 26 फरवरी के बाद सबसे ज्यादा है, जब कोरोना केस घटने शुरू हुए थे. पॉजिटिविटी रेट भी 4.25 प्रतिशत है, जो 13 फरवरी के बाद अधिकतम है. क्या इसे कोरोना की चौथी लहर की आहट माना जाए, इस सवाल पर एक्सपर्ट डॉक्टरों कहते हैं कि ये कहना अभी जल्दबाजी होगी. जब तक कोई नया वैरिएंट नहीं आता, नई लहर की संभावना काफी कम है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी कह रहे हैं कि ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वायरस की गंभीरता ज्यादा नहीं है और मरीजों में अस्पताल में भर्ती होने की दर काफी कम है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुआई में हुई कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि कोरोना केसों में ये बढ़ोतरी मुख्य रूप से ओमिक्रोन के वैरिएंट बीए.4 और बीए.5 की वजह से आई है, जो कि बेहद संक्रामक है. हालांकि पूरे महाराष्ट्र और मुंबई में भी कोरोना मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की दर काफी कम है. उपलब्ध डाटा के मुताबिक, पॉजिटिव मरीजों में से महज 1 फीसदी को ही अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ रही है. मुंबई में 24,579 बेड हैं, जिनमें से 185 यानी 0.74 प्रतिशत ही सोमवार को भरे हुए थे. ऑक्सीजन सुविधा वाले 4768 बेड में से 14 (0.29 प्रतिशत) पर ही मरीज थे.
राजेश टोपे ने बताया कि मुंबई में सोमवार को 676 नए केस मिले थे. मई के आखिरी हफ्ते से राज्य के कुल केसों में से 60-70 फीसदी मुंबई में ही मिल रहे हैं. कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पिछले सात दिनों में मुंबई में (67.287%), ठाणे में (17.17%), पुणे में (7.42%), रायगढ़ में (3.36%) और पालघर में (2%) फीसदी केस मिले. इन पांच जिलों में डेली पॉजिटिविटी रेट 3 से 8 फीसदी के बीच रहा. महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना केसों में कितने बीए.4 और बीए.5 ओमिक्रोन के केस हैं, इसका डाटा उपलब्ध नहीं है. इन दोनों वैरिएंट की वजह से दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में कोरोना की नई लहर आ रही है. इसके ज्यादा संक्रामक होने की एक वजह वैज्ञानिक ये मान रहे हैं कि ये शऱीर में मौजूद एटीबॉडी के प्रति चकमा देने में ज्यादा माहिर है.
क्या ये बढ़ते केस कोरोना की चौथी लहर की आहट हैं? इस पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत के ज्यादातर लोगों में ओमिक्रोन के बीए.2 वैरिएंट की वजह इम्युनिटी बन चुकी है, जो अभी तक काम कर रही है. इसके अलावा ओमिक्रोन वायरस फैलता ज्यादा जरूर है, लेकिन इसके मरीजों की हालत गंभीर होने की नौबत कम ही आती है. एचटी के मुताबिक, महाराष्ट्र के सर्विलांस ऑफिसर और महामारी विज्ञानी डॉ. प्रदीप आवटे कहते हैं कि जब तक कोरोना वायरस का बिल्कुल कोई नया वैरिएंट नहीं आता, चौथी लहर की संभावना काफी कम है. अभी जो कोरोना केस बढ़ रहे हैं, वो तीसरी लहर लाने वाले ओमिक्रोन के ही सब वैरिएंट हैं. अगले कुछ हफ्तों तक केस बढ़ेंगे, लेकिन फिर उनमें कमी आने लगेगी.