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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक BA.5.1.7 और BF.7 जैसे वैरिएंट्स के कारण बढ़े संक्रमण ने पिछले हफ्तों चीन के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन जैसे हालात बना दिए थे। भारत के कुछ राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात में भी इन वैरिएंट्स के कारण संक्रमण देखे गए हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इन वैरिएंट्स की संक्रामकता दर काफी अधिक पाई गई है और इसके कारण पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों में भी खतरा हो सकता है, ऐसे में सभी लोगों को फिर से विशेष सुरक्षा नियमों का पालन करते रहना चाहिए। त्योहारी सीजन में कोरोना को लेकर बरती गई लापरवाही बड़े संकट का कारण बन सकती है।
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हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुजरात और महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट BA.5.1.7 और BF.7 के कारण लोगों में संक्रमण के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। BF.7 को ‘ओमाइक्रोन स्पॉन’ के रूप में जाना जाता है, जो पहले चीन में पाया गया था और अब संयुक्त राज्य अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम तक पहुंच गया है। इन्हीं वैरिएंट्स को हाल ही में चीन में कोविड -19 के मामलों में हुए उछाल के लिए जाना जा रहा है।
प्रारंभिक अध्ययनों में इन वैरिएंट्स को गंभीर रोगों का कारण तो नहीं माना जा रहा है, हालांकि वैक्सीन से शरीर में बनी प्रतिरक्षा को चकमा देने की इनकी प्रकृति गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
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कोविड-19 के बढ़ते खतरे को लेकर सीआईआई पब्लिक हेल्थ काउंसिल के अध्यक्ष और एम्स के पूर्व निदेशक, डॉ रणदीप गुलेरिया ने मीडिया रिपोर्ट्स में लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। डॉ गुलेरिया कहते हैं, ये वैरिएंट्स नए खतरे के तौर पर कई देशों में देखे गए हैं, भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। इन वैरिएंट्स में और भी म्यूटेशन होने की आशंका है, ऐसे में इसके जोखिमों को ध्यान में रखते हुए सभी को बचाव करते रहने की सलाह दी जाती है। विशेषकर देश में त्योहारों का सीजन शुरू हो रहा है, इस दौरान होने वाली भीड़ संक्रमण के प्रसार का कारण बन सकती है, इस खतरे को सभी लोगों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है।
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कोविड मामलों पर काम कर रहे इंटेंसिव केयर एक्सपर्ट डॉ चितरंजन सहाय कहते हैं, नए वैरिएंट्स के कारण वैसे तो गंभीर रोगों का खतरा नहीं है पर इससे किसी को सुरक्षित भी नहीं माना जा सकता है। जिस प्रकार की इसकी प्रकृति है, उसने सभी लोगों में संक्रमण के खतरे को बढ़ा दिया है। यदि आप बाहर जा रहे हैं, विशेष रूप से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर तो मास्क जरूर पहनकर रखें। उच्च जोखिम वाले समूह, जैसे बुजुर्ग और कोमोरबिडीटी वालों को त्योहारी सीजन में बाहर जाने से भी बचना चाहिए क्योंकि इनमें संक्रमण फैलने की आशंका अधिक होती है।
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वैक्सीनेटेड लोग सुरक्षित, पर बरतें सावधानी
डॉ सहाय कहते हैं, वैसे तो जिन लोगों का टीकाकरण (तीनों डोज लग गए हैं) हो गया है उनमें संक्रमण की स्थिति में लक्षणों के गंभीर रूप लेने का जोखिम बहुत कम है, पर त्योहारों में की गई जरा भी लापरवाही कोविड आउटब्रेक का कारण बन सकती है। पिछले दो साल में इसी तरह के ट्रेंड देखा गया है, इस बार हम सभी को ऐसे किसी भी जोखिम को लेकर पहले से ही तैयार रहने की जरूरत है। कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करके इन वैरिएंट्स को बढ़ने से रोका जा सकता है। त्योहारों में खरीदारी या किसी अन्य काम से बाहर जाते समय सुरक्षा के उपायों को लेकर कोई भी लापरवाही बिल्कुल न बरतें।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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