कोरोना कर्फ्यू प्रदेश सरकार ने लगा दिया है | लेकिन इस व्यवस्था से सोलन के लोग खुश नज़र नहीं आ रहे हैं | उन्होंने कहा कि कोरोना कर्फ्यू लगाया है तो सम्पूर्ण लॉकडाउन लगना चाहिए था | ताकि कोरोना पर नियंत्रण किया जा सकता | लेकिन प्रदेश में ज़्यादा तर व्यवसायिक संस्थान खुले है जिनका समय भी काफी लम्बा रखा गया है | ऐसी स्थिति में कोरोना कैसे कम होगा यह उन्हें समझ नहीं आ रहा है | उन्होंने कहा कि ज़्यादा तर दुकाने खुली रहेंगी और लोग अपने घरों से बाज़ार में आ जा भी सकेंगे तो इसे कोरोना कर्फ्यू का नाम क्यों दिया गया है | उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से कोरोना पर कोई नियंत्रण होने वाला नहीं है | अभी भी सरकार के पास समय है वह इस व्यवस्था को सुधारे और कुछ ऐसा प्रबंध करे की कोरोना को वास्तव में नियंत्रित किया जा सके |
सोलन के व्यापारियों ने कोरोना कर्फ्यू पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में जो कोरोना कर्फ्यू लागू किया है यह व्यवस्था कर्फ्यू के नाम पर मजाक बन कर रह गई है | उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि केवल बाज़ार की कुछ दुकानें बंद करवाई गई है और बाकी व्यवसायिक संस्थान खुले रखे गए है | उनके खोलने का समय भी सुबह से लेकर छे बजे तक निर्धारित किया गया है | यह निर्णय बेहद गलत है | उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में सरकार कोरोना पर नियंत्रण करना चाहती है तो वह सम्पूर्ण लॉक डाउन लगाए और जो दुकानें खोलनी बेहद आवश्यक है वह दुकाने भी दो या तीन घंटों के लिए खोलें | बाज़ार में लोगों को आने की स्वतंत्र अनुमति न दी जाए | अन्यथा कोरोना को नियंत्रण नहीं क्या जा सकता है |
2021-05-06