Coronavirus China: चीन में कोरोना की सुनामी, हर रोज 36 हजार की मौत का अनुमान, देश छोड़ कर भाग रहे अमीर

China Coronavirus Death: चीन में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इस बीच चीनी नववर्ष भी आने वाला है, जिसे लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में इस दौरान 2 अरब यात्राएं होंगी। जिसके कारण नए मामले बढ़ेंगे। उनका अनुमान है कि चीन में हर रोज 36,000 लोगों की मौत हो सकती है।

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सांकेतिक फोटो।

बीजिंग: चीन में कोरोना वायरस महामारी को लेकर स्थिति अभी भी नहीं सुधरी है। इस बीच खबर है कि कोरोना से यहां हर रोज 36,000 लोगों की मौत संभव है। क्योंकि लोग चीनी नव वर्ष मनाने के लिए अपने घरों को जाएंगे। विशेषज्ञों ने कहा है कि जीरो कोविड पॉलिसी खत्म करने के बाद से देश इस समय एक तबाही के बीच में है। चीन में हर रोज करोड़ों कोरोना के मामले आ रहे हैं। इस बीच मौतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। चीन ने इस सप्ताह माना है कि एक महीने में 60 हजार लोगों की मौत हुई है। हालांकि चीन यह नहीं मान रहा है कि ये मौतें कोरोना के कारण हुई हैं।

चीन ने 8 जनवरी को कोरोना से मौत का अंतिम आंकड़ा जारी किया था, जिसके मुताबिक महामारी की शुरुआत के बाद सिर्फ 5,272 लोगों की मौत कोरोना से हुई है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि 60 हजार मौतों से 10 गुना ज्यादा मौत हुई हैं। क्योंकि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण अस्पताल भरे हुए हैं। चीन ने सिर्फ अस्पताल में हुई मौतों को ही माना है। ऐसे में संभव है कि घरों पर हुई मौतों की संख्या बड़ी हो। लेकिन इस बीच चीनी नव वर्ष के मौके पर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है। उनका कहना है कि लोग बड़ी संख्या में यात्रा करेंगे, जिससे मामले बढ़ेंगे और मौतें की संख्या भी ज्यादा होगी।

हर रोज हो सकती है 36 हजार लोगों की मौत

वैश्विक स्वास्थ्य खुफिया सेवा एयरफिनिटी का अनुमान है कि 26 जनवरी तक हर रोज 36,000 मौत हो सकती है। विश्लेषकों का यह भी अनुमान है कि 27 जनवरी तक हर रोज 6.2 करोड़ संक्रमित हो सकते हैं। प्रोफेसर मिनक्सिन पेई का मानना है कि चीन मरने वालों की संख्या छिपाने की पूरी कोशिश करेगा। निक्केई एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘जिस हिसाब से जीरो कोविड पॉलिसी को खोला गया है वह तबाही मचा रहा है। सरकार इसे छिपाने के लिए मजबूर है।’

अमीर छोड़ रहे देश

हर रोज नए मामलों के बीच देश से अमीरों का पलायन चालू है। चीन के अमीर अन्य देशों में जाने की योजना बना रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन में घरेलू राजनीति जटिल हो गई है। नागरिक विदेशी निवेश के जरिए अपनी संपत्ति को बाहर निकालने की जगह खुद भी दूसरे देशों में बसने का तरीका खोज रहे हैं। अमीर लोग जापान, सिंगापुर और कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को पसंदीदा स्थान के रूप में देख रहे हैं। वह उनकी निजी संपत्ति पर कोरोना माहामारी के दौरान चीनी सरकार के आक्रमण से परेशान हैं। चीन के लोगों के लिए पहले अमेरिका, कनाडा और यूरोप के देश निवेश की पहली पसंद थे। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के बाद स्थिति बदल गई है।