Coronavirus in China: इंडियन जर्नल आफ मेडिकल रिसर्च के हेड डॉक्टर समीरन पांडा कहते हैं कि दरअसल चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी लगा कर ही अपने देश के हालात बिगाड़े हैं। चीन ने न सिर्फ उसे लागू किया बल्कि, सख्ती से एक मामला मिलने पर भी जीरो कोविड पॉलिसी के तहत पूरे-पूरे इलाके को लंबे वक्त के लिए उसमें डाल दिया…
चीन में कोरोना (Coronavirus in China) के बिगड़े हालातों ने पूरी दुनिया में एक बार फिर से खौफ का माहौल पैदा कर दिया है। दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अलग-अलग देशों में कोविड से बचाव को लेकर नीतियों का निर्धारण करने वाली संस्थाओं ने अपने देश के हेल्थ सिस्टम की फिर से समीक्षा करना करना शुरू कर दिया है। फिलहाल इस समीक्षा के दौरान खुलासा तो यही हुआ है कि चीन ने अपनी एक ऐसी पॉलिसी बनाई, जिसकी वजह से वह एक बार फिर से कोविड के सबसे बड़े खतरे में फंस गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चीन दुनिया के दूसरे देशों की तरह कोविड के मानकों को पूरा करने का फैसला लेता, तो शायद चीन में आज के दौर के भयानक हालात फिर से पैदा नहीं होते। फिलहाल अपने देश में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों और जिम्मेदार संस्थाओं ने चीन के हालातों के बाद कोविड के मामलों का रिव्यू कर इस बात की पुष्टि की है कि अपने यहां सब कुछ न सिर्फ चाक-चौबंद है, बल्कि कोविड के मामले लगातार कम हो रहे हैं। वहीं चीन में बढ़ रहे कोविड मामलों के बाद वहां से आने जाने वाली फ्लाइट्स पर फिलहाल कोई प्रतिबंध नहीं लगा है। लेकिन कोविड टास्क फोर्स चीन में बढ़ रहे मामलों के बाद अपने देश में भी लगातार मॉनिटरिंग कर रही है।
जीरो कोविड पॉलिसी ने बिगाड़े हालात
दरअसल चीन में जिस तरीके के हालात पैदा हुए हैं, उसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चीन को ही उसका जिम्मेदार मानते हैं। कोविड महामारी के दौरान देश के मुख्य महामारी विशेषज्ञ रहे और वर्तमान में इंडियन जर्नल आफ मेडिकल रिसर्च के हेड डॉक्टर समीरन पांडा कहते हैं कि दरअसल चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी लगा कर ही अपने देश के हालात बिगाड़े हैं। वह कहते हैं कि शुरुआती दौर से ही जीरो कोविड पॉलिसी को पूरी दुनिया नकार रही थी। लेकिन चीन ने न सिर्फ उसे लागू किया बल्कि, सख्ती से एक मामला मिलने पर भी जीरो कोविड पॉलिसी के तहत पूरे-पूरे इलाके को लंबे वक्त के लिए उसमें डाल दिया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह पालिसी ही चीन के लिए अब सबसे बड़ी मुसीबत बन रही है।
डॉक्टर समीरन पांडा कहते हैं कि जीरो कोविड पॉलिसी प्रैक्टिकल नहीं रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस पॉलिसी के पक्ष में शुरुआती दौर से नहीं रहा है। बावजूद इसके चीन ने अपने देश में जीरो कोविड पॉलिसी को सख्ती से लागू किया। अब जब चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी को अलग-अलग इलाकों से हटाना शुरू किया, तो वहां पर हालात बिगड़ने लगे। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी भी दुनिया में चीन इकलौता ऐसा देश है, जहां पर कई इलाके ऐसे हैं जिसमें कोविड का असर नहीं हुआ है। अब जब जीरो कोविड पॉलिसी को हटाया जा रहा है, तो वही सारे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं और पूरी दुनिया में एक भय का माहौल पैदा कर रहे हैं।
ओमिक्रॉन और डेल्टा जैसे कई वैरिएंट सक्रिय
देश में कोविड को लेकर बनाई गई एंटी टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्य और कोविड टीकाकरण अभियान के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा कहते हैं कि चीन के बिगड़े हालातों के चलते पूरी दुनिया में एक बार फिर से खौफ का माहौल बन गया है। उनका कहना है कि लेकिन हमारे देश में पड़ोसी मुल्क के बिगड़े हालातों से डरने की जरूरत नहीं है। चीन ने जिस तरीके से अपने देश के बहुत से इलाकों को कोविड की पीक के दौरान संक्रमण से बचा लिया था, अब वही सारे इलाके और वहां के रहने वाले कोविड की जद में आ रहे हैं। ओमिक्रॉन और डेल्टा जैसे कई वैरिएंट अब जीरो पॉलिसी के तहत हटने वाले इलाकों में कहर बरपा रहे हैं। यही वजह है कि चीन के बहुत से इलाकों में हालात बदतर हो गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में बनाई गई वैक्सीन को लेकर पूरी दुनिया में सवाल उठने लगे हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चीन के बिगड़े हालातों में जीरो कोविड पॉलिसी के अलावा और क्या-क्या अहम रोल हो सकते हैं, उसकी विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जांच की जानी चाहिए। ताकि ऐसे बिगड़े हालातों से दुनिया को बचाया जा सके। कोविड टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्य डॉ. एनके अरोड़ा कहते हैं कि वायरस को आप बाउंड्री लगा करके नहीं रोक सकते हैं। संभव है कि आप लोगों को घर के दरवाजों के भीतर बंद करके कुछ वक्त के लिए वायरस के प्रभाव को कम कर दें, लेकिन जब आप तमाम तरीके की बंदिशों को हटाएंगे तो हालात भी बिगड़ेंगे। उनका कहना है कि चीन में इस वक्त जो हो रहा है यह उसी का नतीजा है।
किसी नए वायरस की एंट्री नहीं
हालांकि चीन के हालात के बाद अपने देश में भी कोविड गाइडलाइंस की न सिर्फ समीक्षा हो रही है, बल्कि उसको बहुत करीब से मॉनिटर भी किया जा रहा है। डॉ. अरोड़ा का कहना है कि चीन में बिगड़े हालात के बाद अपने देश में की गई समीक्षा से इस बात का पता चला है कि दुनिया में जितने भी वायरस के वैरिएंट हैं वह सब अपने देश में पहले से मौजूद हैं। सभी वायरस का एक्सपोजर यहां पर हो चुका है। डॉ. एनके अरोड़ा का कहना है कि चीन में किसी नए वायरस की कोई एंट्री नहीं हुई है। जो भी लोग वहां पर संक्रमित हो रहे हैं वह पुराने वैरिएंट्स की वजह से ही हो रहे हैं। इसलिए भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के उन सभी देशों में चीन के इस अवसर का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ने वाला है, जहां पर पहले से सभी वायरस का एक्सपोजर हो चुका है।
कोविड निगरानी के लिए बनाई गई टीम ने ने एक बार फिर से सभी मानकों की समीक्षा की है। डॉक्टर अरोड़ा कहते हैं कि एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले लोगों की कोविड जांच जारी है। चीन से आने वाली फिलहाल किसी भी फ्लाइट पर कोई अंकुश लगाने के दिशा निर्देश टास्क फोर्स की ओर से नहीं दिए गए हैं। जो भी दुनिया के अलग-अलग देशों से लोग दिल्ली एयरपोर्ट पर आ रहे हैं, उन्हें पुरानी कोविड गाइडलाइंस के अनुसार ही एंट्री दी जा रही है। वह कहते हैं कि उनकी टीम लगातार चीन में बढ़ रहे कोविड के मामलों की न सिर्फ निगरानी कर रही है बल्कि अपने देश में भी नजर बनाए हुए हैं।