लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे 50 साल से अधिक उम्र वाले अनफिट कर्मचारियों पर गाज गिरने वाली है. विभागीय कामकाजों में शिथिलता बरतने वाले और भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे 50 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों को योगी सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्त करने के निर्देश दिए हैं. यूपी सरकार के मुख्य सचिव ने इस संबंध में सरकार के सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दे दिया है और इस पर 31 अगस्त तक फैसला लेना है.
दरअसल, स्क्रीनिंग कमेटी 31 जुलाई 2022 को 50 साल की आयु पूरी करने वाले कर्मचारियों के नामों पर विचार करेगी. यह आयु पूरी करने वाले किसी सरकारी सेवक के मामले में स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव रखकर अगर उसे सेवा में बनाए रखने का फैसला एक बार कर लिया जाता है, तो स्क्रीनिंग कमेटी के सामने उसके नाम को फिर से रखने की जरूरत नहीं है. यह स्क्रिनिंग कमेटी फैसला करते हुए इसकी जानकारी 15 अगस्त तक कार्मिक विभाग को देगी.
यहां बताना जरूरी है कि बेहतर कार्य करने वाले कर्मचारियों को इस दायरे में नहीं रखा जाएगा. जिन कर्मचारियों का प्रदर्शन बेहतर है और जो अपने काम के लिए पूरी प्रतिबद्ध हैं, जिन कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा और न ही जिन पर किसी जांच की आंच है, ऐसे कर्मचारियों को सरकार अनिवार्य सेवानिवृत्त नहीं करेगी और वे तय समय पर ही रिटायर होंगे. 50 साल से अधिक उम्र के अनफिट कर्मचारी को रिटायर करने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी को काफी रिसर्च करनी होगी और सोच विचार कर ही अपना फैसला देंगे.