मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि 2023 में कंपनी का साइज छोटा होगा.
नई दिल्ली. फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने भी अब नए कर्मचारी न रखने और कर्मचारियों की छंटनी करने का निर्णय लिया है. अपनी स्थापना के बाद पहली बार कंपनी ने कर्मचारियों की संख्या में कमी करने का फैसला किया है. मेटा सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने कर्मचारियों के साथ अपने साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम में कहा कि मेटा का तेजी से विकास करने का दौर अब बीत चुका है. इसलिए कंपनी हायरिंग बंद करेगीऔर खर्चे कम करने के लिए कुछ टीमों में सदस्यों की संख्या घटाएगी.
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी आने वाले समय में टीमों को दिए जाने वाले बजट में भी कटौती करेगी. उन टीमों को भी कम पैसा दिया जाएगा, जिनकी ग्रोथ अच्छी है. इसका अर्थ है कि जिन टीमों से कर्मचारी हटाए जाएंगे, उनके नए सदस्य नहीं मिलेंगे और उन्हें कम कर्मचारियों से ही काम चलाना होगा.
1 साल में शेयर 60 फीसदी गिरा
जुकरबर्ग ने कहा कि, “हमें लगता था कि अब तक अर्थव्यवस्था स्थिर हो जाएगी. लेकिन, अब हम देख रहे हैं कि ऐसा हुआ नहीं है. इसलिए हमें कुछ हद तक रूढ़िवादी योजना बनानी होगी.” गौरतलब है कि मेटा के स्टॉक इस साल अब तक 60 फीसदी तक गिर चुके हैं. गुरुवार को भी कंपनी के शेयरों में 3.7 फीसदी तक गिर गए.
कम हो रही है विज्ञापन से आय
कॉस्ट कट और हायरिंग फ्रीज करने के निर्णय से पता चलता है कि इस मेटा की विज्ञापन राजस्व वृद्धि धीमी हो रही है और इसको कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. मेटा के इंस्टाग्राम को टिकटॉक से कड़ी टक्कर मिल रही है और बड़ी संख्या में युवा युजर टिकटॉक से जुड़ रहे हैं. इसके अलावा जुकरबर्ग का ड्रीम प्रोजेक्ट मेटावर्स भी कंपनी पर भारी पड़ रहा है. इसलिए अब मेटा को अपने खर्चों में कटौती करने को मजबूर होना पड़ा है.
मेटा ने कुछ समय पहले भी कहा था कि वह मैनजमेंट डिपार्टमेंट में कम कर्मचारियों की हायरिंग इस साल करेगी. इसके अलावा समर इंटर्न को भी फुल टाइम जॉब देने पर भी कंपनी रोक लगा चुकी है. मेटा के पास 30 जून तक 83,500 कर्मचारी थे और दूसरी तिमाही में उसने अपने साथ 5,700 नए कर्मचारी जोड़े थे.
ट्विटर और गूगल भी संकट में
ऐसा नहीं है कि केवल मेटा की ही विज्ञापन राजस्व वृद्धि धीमी पड़ रही है. ट्विटर और अल्फाबेट भी इसी संकट से जूझ रही है. ट्विटर ने मई में ही नई भर्तियां बंद कर दी थी और कर्मचारियों को ट्रैवल और मार्केटिंग खर्चे कम करने को कहा था. इसी तरह गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट ने भी कहा था कि वह वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कर्मचारियों की हायरिंग स्लो करेगी.