आप सभी ने हॉलीवुड की जेम्स बॉण्ड सीरीज की फिल्मे तो देखी ही होंगी। इसमें कुछ बॉण्ड गर्ल्स भी देखी जा सकती है। विदेशों में भी महिला जासूस बहुत चलन में रहती हैं। आज हम आपको एक भारतीय लेडी बॉण्ड (First lady private investigator of India) से मिलवाने जा रहे हैं। यह एक महिला जासूस (Female Spy) हैं और इनके किस्से जानकर आप हैरान रह जायेंगे।
यह हैं देश की सबसे पहली महिला डिटेक्टिव रजनी पंडित, जो की भारतीय लेडी जेम्स बॉन्ड (Lady James Bond) कही जाती है। आज हम जानेंगे रजनी (Rajani Pandit) के जासूस बनने की कहानी और उनके कारनामे। आज से कुछ साल पहले रजनी की उम्र 22 की रही होगी। उस वक़्त वे कॉलेज में थी और पढ़ते हुए भी वे अपने पैरों पर कड़ी होना चाहती थी।
इसी के चलते उन्होंने ग्रेजुएशन के दौरान काम करना शुरू कर दिया था। किसी ऑफिस में एक क्लर्क की जॉब करने लगी। रजनी में एक बात खास यह थी की किसी बात की तह तक जा कर उसकी सच्चाई जानने की ललक उनमे थी। ऐसा करना उन्होंने अपने पिता से सीखा था। उनके पिता सीआइडी में कार्य किया करते थे।
रजनी ने पाना पहला केस 22 की उम्र में पाया
जब एक रोज़ वो ऑफिस में काम कर रही थी, तभी एक सहकर्मी महिला ने रजनी से अपनी किसी दिक्कत के बारे में बताया। उसने बताया कि उसके घर में चोरी हो गई है, लेकिन चोर का पता नहीं चला है। महिला ने रजनी को बताया की, उन्हें अपनी नई आई बहू पर शक है। उस महिला ने इस बात को सुलझाने का काम रजनी को दिया। वे जानती थी की रजनी बहुत चालाक है। वह पता लगा ही लेगी।
रजनी ने अपने पिता को केस सॉल्व करते देखा था। उसने बिना देर किए यह जिम्मेदारी ले ली। इसके बाद रजनी ने उस महिला के घर से लेकर उसकी गली में पैनी नजरें रखना शुरू कर दिया। रजनी को कामयाबी मिली और उसने केस सुलझा लिया।
रजनी की महिला मित्र का शक गलत निकला। बता चला की यह चोरी उसी महिला के बेटे ने की थी। बाद में पूछ ताछ करने पर बेटे ने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया। रजनी ने 22 साल की उम्र में अपना पहला केस सॉल्व कर लिया था।
रजनी के पिता ने उनके मन पर सब छोड़ा
इन सब बातों के बारे में बता चलने पर उनकी मार्केटिंग होने लगी और लोग रजनी को खोजकर आते और अपना केस देते। वह लगातार केस सॉल्व करने लगी। कुछ समय बाद रजनी के कारनामों खबर उनके घर पर भी पहुँच गई।
जब इस बारे में रजनी के पिता को पता चला, तो उन्होंने उसे समझाते हुए कहा कि यह काम बहुत खतरों से भरा हुआ है, लेकिन वो उसे रोकेंगे नहीं। पिता ने कहा की इस काम में होने वाली परेशानियों को जानते हुए भी वो ये करना चाहती है तो करे। वे कुछ नहीं बोलेंगे।
फिर रजनी ने अपना काम निरंतर चालु रखा और बाद में कई न्यूज़ चैनल्स और अख़बारों ने रजनी को कवर करना शुरू कर दिया। इस तरह रजनी भारत की पहली महिला डिटेक्टिव (Female Detective) बन गई। वे एक प्राइवेट डिटेक्टिव के तौर पर काम करती है। उन्होंने इस क्षेत्र में काफी नाम कमाया है।
सबसे कठिन केस सुलझाने के लिए नौकरानी बनी
रजनी की लाइफ का सबसे कठिन केस एक ह-त्या के सस्पेंस को सॉल्व करने का था। शहर में एक पिता और उसके पुत्र दोनों का वध कर दिया गया था। कातिल का कोई नामो निशाँ और सुराग हाँथ नहीं लगा था। ये केस रजनी के पास पहुंच गया। उसने जब इस केस पर रिसर्च की, तो उसे कई ख़याल आये। उसे अहसास हुआ कि क़त्ल की लिंक उनके घर से ही जुडी हैं।
ऐसे में रजनी ने पक्की जासूस (Real Spy) बनने का फैसला किया। जिस महिला के पति और बेटे का वध हुआ था, रजनी उसके घर में नौकरानी बन चली गई। वो महिला जब बीमार पड़ी, तो रजनी ने अच्छी सेवा करके भरोसा जीत लिया। रजनी को उस महिला के घर में काम करते हुए 6 महीने हो चुके थे, मगर अभी तक ऐसा कोई सुराग या जानकारी हाथ नहीं लग पाई थी। जो उस महिला को गुनहगार साबित कर सके।
फिर अचानक एक दिन एक शख्स उस महिला से मिलने आ गया। उनकी बातों से रजनी जान गई कि पिता पुत्र का वध उस व्यक्ति ने ही किया हैं। परन्तु अब समस्या यह थी की रजनी घर से बाहर कैसे जाए, क्योंकि महिला ने उसे बाहर जाने से मन कर रखा था।
ऐसे में रजनी ने अपने पैर में खुद ही कुछ चोट मर ली और मालकिन के पास जाकर बहाने से कहा की इसकी पट्टी कराने डॉक्टर के पास जाना होगा। रजनी के पैरों से खून बहता देखकर मालकिन ने उसे बाहर जाने को कह दिया। रजनी तत्काल बहार गई और एक STD बूथ जाकर अपने क्लाइंट को फोन करके बताया कि तुरंत पुलिस लेकर उस महिला के घर पहुंचो कातिल वहीँ है।
पुलिस ने घर जाकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। जांच के बाद पता चला कि वो आया हुआ शख्स उस महिला का प्रेमी था तथा उसी ने महिला के इशारे पर पिता और पुत्र को मारा था। रजनी ने यह कठिन केस सुलझा लिया था। यह एक बड़ी कामयाबी थी। इस केस के बाद भी रजनी ने भेष बदलकर दो और केस सॉल्व किए।
रजनी (Lady detective) ने प्रेग्नेंट औरत बनकर, तो कभी फेरीवाली बनकर, तो कभी सेल्स गर्ल बनकर कई बार जासूसी की और केस सॉल्व किये। उसने अपने आपको काम में इतना व्यस्त कर लिया कि कभी शादी करने का ना मन किया और ना टाइम मिल पाया। बढ़ते काम को देख रजनी ने 1991 में अपनी एजेंसी भी शुरू की। अनेक केस आने लगे और रजनी ने हज़ारों केस जुलझाये।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स बताती है की रजनी ने अभी तक छोटे बड़े सभी मिलकर कुल 80,000 से ज़्यादा केस सॉल्व (Case Solve) किए हैं। फेसिस बिहाइंड फेसिस और मायाजाल नाम से उन्होंने दो किताबें भी लिखी हैं। दूरदर्शन द्वारा हिरकणी अवार्ड के साथ और कई अवार्ड भी हासिल किये हैं।