Covid-19: देश में BA.2 के 85% केस, जानिए ओमिक्रॉन वैरिएंट्स के खिलाफ सबसे प्रभावी वैक्सीन को लेकर बड़ा अपडेट

Covid-19: देश में BA.2 के 85% केस, जानिए ओमिक्रॉन वैरिएंट्स के खिलाफ सबसे प्रभावी वैक्सीन को लेकर बड़ा अपडेट

भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस

देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले लगातार चिंता का कारण बने हुए हैं। पिछले छह दिनों से लगातार रोजाना 12 हजार से अधिक संक्रमितों के मामले सामने आ रहे हैं। रविवार को जहां 12899 लोगों को संक्रमित पाया गया वहीं सोमवार को यह आंकड़ा 12781 के करीब रहा। इस तरह से देश में अब सक्रिय मामले बढ़कर 73 हजार के पार हो गए हैं। वर्तमान में दैनिक सकारात्मकता दर 2.89% जबकि साप्ताहिक सकारात्मकता दर 2.50 के करीब बनी हुई  है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से संक्रमण के आंकड़ों में उछाल देखा जा रहा है, ऐसे में सभी लोगों को इससे बचाव के उपाय करते रहने की आवश्यकता है। 

इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के विशेषज्ञों के अनुसार संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए मुख्यरूप से ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट्स ( BA.2 और BA.2.38 ) को प्रमुख कारण माना जा रहा है। देश के कुछ हिस्सों में BA.4 और BA.5 के केस भी रिपोर्ट किए जा रहे हैं। ये सभी वैरिएंट्स अपेक्षाकृत अति संक्रामकता वाले हैं, ऐसे में जिन लोगों का वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है उन्हें भी लगातार सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।

ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण बिगड़ते हालात

ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट्स ने बढ़ाई चिंता

INSACOG की रिपोर्ट से पता चलता है कि देश में BA.2 और इसके सब-स्ट्रेन 85% से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं। वहीं BA.4 और BA.5 के 10% से कम सैंपल पाए गए हैं।

भारत में मुंबई अब भी सबसे प्रभावित राज्य है। यहां दैनिक मामले 4000 के आस-पास बने हुए हैं, रविवार को इसमें थोड़ी गिरावट के साथ 3883 लोगों में संक्रमण के मामले पाए गए। वहीं राष्ट्रीय राजधानी में 1534 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई। कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लेने की अपील कर रहे हैं।

भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल पूरा

पहले नेजल वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल पूरा 
 
संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच वैक्सीनेशन को लेकर राहत की खबर है। भारत बायोटेक ने दुनिया के पहले कोविड-19 नेजल वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है। भारत बायोटेक के अध्यक्ष और एमडी, डॉ कृष्णा एला ने जानकारी देते हुए बताया कि नेजल वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का डेटा विश्लेषण चल रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो हमें लॉन्च करने की अनुमति मिल जाएगी और यह दुनिया का पहला नैदानिक रूप से प्रमाणित कोविड-19 का नेजल वैक्सीन होगा।
नेजल वैक्सीन की प्रभाविकता

ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट्स पर भी असरदार

भारत बायोटेक की वेबसाइट से प्राप्त जानकारियों के अनुसार इंट्रानेजल वैक्सीन व्यापक रूप से आईजीजी, म्यूकोसल आईजीए और टी सेल रिस्पॉस को उत्तेजित करने में मदद करती है। चूंकि कोरोनावायरस नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है ऐसे में यह वैक्सीन नाक के म्यूकोसा में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बनाकर वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले की निष्क्रिय करने में मदद कर सकती है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स जैसे अति संक्रामक कोरोनावायरस को निष्क्रिय करने में भी यह नेजल वैक्सीन कारगर साबित हो सकती है। 

अमेरिका में पांच साल से कम के बच्चों का भी टीकाकरण

कोरोना के बढ़ते संकट के बीच यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन की अनुमति दे दी है। इस हफ्ते से देश में  6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों के लिए टीके उपलब्ध हो जाएंगे। सीडीसी के अधिकारियों का कहना है कि वैसे तो कोविड-19 का बच्चों में हल्का खतरा ही देखा जा रहा है। हालांकि मार्च 2020 के बाद से यह 1-4 वर्ष की आयु के बच्चों में मृत्यु का पांचवां प्रमुख कारण और 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण रहा है। इस जोखिम से बचाने में टीकाकरण की विशेष भूमिका हो सकती है। 

यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।