देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं। पिछले 10 दिनों से रोजाना औसतन 16 हजार से अधिक लोगों को संक्रमण का शिकार पाया जा रहा है। देखते ही देखते देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या भी अब बढ़कर 1.12 लाख से अधिक की हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के प्रसार को रोकने और संक्रमण से बचाव के लिए सभी लोगों को नियमित रूप से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करते रहना चाहिए, इसमें भी मास्क लगाकर रखना सबसे आवश्यक है।
माना जाता रहा है कि मास्क, कोरोनावायरस के शरीर में प्रवेश को रोक कर संक्रमण के प्रसार को कम करने में मदद कर सकते हैं। पर अब ये मास्क कोरोना वायरस को मार भी सकते हैं।
हालिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि शोधकर्ताओं ने एक नया N95 फेस मास्क विकसित किया है जो न केवल कोविड-19 के प्रसार को कम करेगा साथ ही इसके संपर्क में आने पर यह सार्स-सीओवी-2 वायरस को भी मार सकता है। खास बात यह भी है कि इस मास्क को लंबे समय तक पहना जा सकता है, जिससे प्लास्टिक कचरा कम होता है। कोरोना के बढ़ते संकट के समय में इस मास्क को बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा सकता है। आइए इस बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
वायरस को मारने वाला N-95 मास्क
एप्लाइड एसीएस मैटेरियल्स एंड इंटरफेसेज जर्नल में प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों ने बताया कि मास्क में फिल्टरेशन के लिए ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीमाइक्रोबियल पॉलिमर लगाया गया है, जो अति सूक्ष्म कणों को फिल्टर करने के साथ वायरस को मारने की भी क्षमता रखता है। इस मास्क में बेहतर क्वालिटी वाले फाइबर का प्रयोग किया गया है जिससे आपको सांस लेने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। इसे लंबे समय तक पहन कर रखा जा सकता है।
नई तकनीक का किया गया है प्रयोग
अमेरिका में रेंससेलर पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट के एडमंड पलेर्मो कहते हैं, यह स्वयं से कोरोना से बचाव के साथ वायरस को मारने की दिशा में अनोखा प्रयास है। यह N95 रेस्पिरेटर मास्क सामान्य रूप से हवाई रोगजनकों के संचरण को कम करने में मदद कर सकता है। अब तक प्रयोग में लाए जा रहे N95 मास्क में एक्टिव फिल्टरेशन लेयर कैमिकल मोडिफिकेशन को लेकर काफी संवेदनशील हुआ करते थे। इस मास्क में पॉलीप्रोपाइलीन का इस्तेमाल किया गया है जो इसके अति प्रभावी बनाता है।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
अमेरिका स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के शोधकर्ताओं की टीम ने एंटीमाइक्रोबायल क्वाटरनरी अमोनियम पॉलिमर के साथ इस मास्क को तैयार किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बहुत सीधा और संभावित रूप से स्केलेबल तरीका है, जिसकी मदद से वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले से मार दिया जाएगा। इस तकनीक को वैश्विक स्तर पर प्रयोग में लाकर सिर्फ कोरोना से सुरक्षा देने वाले ही नहीं, बल्कि वायरस को मारने वाले मास्क भी तैयार किए जा सकते हैं।
वायुजनित रोगाणुओं से भी मिलेगी सुरक्षा
वैज्ञानिकों का कहना है, उम्मीद की जा रही है कि हम कोविड-19 महामारी के बुरे दौर से बाहर आ चुके हैं, लेकिन इस तरह की तकनीक आगे भी संक्रमण के प्रसार को रोकने और बीमारी से बचाने में मदद करेगी। वैश्विक स्तर पर वायुजनित रोगाणुओं से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है, ऐसे में अब समय आ गया है कि हम उन सामग्रियों और विकल्पों के बारे में विचार करें जो लंबे समय तक हमें इस तरह की समस्याओं के जोखिम से बचाने में मदद कर सकती हैं।