Covid-19: जनवरी के बाद पहली बार दैनिक मामलों में भारी उछाल, क्या यह एक और लहर का है संकेत?

देश में पिछले एक हफ्ते के आंकड़े उठाकर देखें तो स्पष्ट होता है कि कोरोना संक्रमण एक बार फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। चार दिनों से लगातार संक्रमण के दैनिक मामले सात हजार के आंकड़े के ऊपर बने हुए थे। शुक्रवार को देश में 7500 से अधिक नए लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई जबकि पिछले 24 घंटे में यह आंकड़ा बढ़कर 8329 तक पहुंच गया है। कोरोना के एक बार फिर से बढ़ते मामले डराने वाले हैं, ऐसे में सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या देश एक और लहर की तरफ बढ़ रहा है? यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट्स के कारण स्थिति बिगड़ने की खबरें सामने आती रही हैं।

भारत में पिछले कुछ दिनों का डेटा देखा जाए तो पता चलता है कि सबसे ज्यादा मामले मुंबई में दर्ज किए जा रहे हैं। पिछले 7 दिनों में यहां संक्रमण के मामलों में भारी उछाल देखा गया है। इसी तरह राजधानी दिल्ली में भी एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने की खबर है। यहां संक्रमण के 655 नए केस दर्ज किए गए जो मई के बाद सर्वाधिक हैं।

संक्रमण के मामलों में हो रहे उछाल ने चिंता बढ़ा दी है, विशेषज्ञ सभी लोगों से बचाव के उपाय करते रहने की अपील कर रहे हैं। आइए संभावित खतरे को समझने की कोशिश करते हैं।

कोविड-19 संक्रमण में उछाल

कोविड-19 के आंकड़ों पर नजर डालें तो समझ आता है कि जनवरी में देश में आई कोरोना की तीसरी लहर के बाद ऐसा पहली बार है जब संक्रमण के मामलों में इतना तेजी से उछाल देखा जा रहा है। दैनिक मामले 103 दिनों में पहली बार 8,000 से पार गए हैं।

महाराष्ट्र और केरल से देशभर में सामने आ रहे मामलों के लगभग 70% केस रिपोर्ट किए जा रहे हैं। मई के बाद दिल्ली के भी केस फिर से बढ़ने लगे हैं। दिल्ली में डेली टेस्ट पॉजिटिविटी रेट (टीपीआर) बढ़कर 2.3% हो गया, जो इस साल 15 फरवरी के बाद सबसे अधिक है। 

कई देशों में घट रहे संक्रमण के आंकड़े

देश में जहां एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं, वहीं वैश्विक स्तर पर संक्रमण के आंकड़ों में थोड़ी कमी देखी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया को अगर छोड़ दिया जाए तो वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस के नए मामलों और मौतों की संख्या में गिरावट आई है। संक्रमण के मामले 12% गिरकर 30 लाख तक हो गए हैं, वहीं संक्रमण से मौत के मामले 22 प्रतिशत घटकर लगभग 7,600 रह गए हैं।

भारत में संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ एक बार फिर से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या देश में चौथी लहर आने वाली है? इस बारे में आईसीएमआर में एडीजी समीरन पांडा कहते हैं, पिछले कुछ दिनों के बढ़ते मामलों के आधार पर इतनी जल्दी कहना कि चौथी लहर आ रही है, यह सही नहीं है। हमें जिला स्तर पर आंकड़ों की जांच करने की जरूरत है। कुछ जिलों में केस की बढ़ोतरी को राष्ट्रीय स्तर का पैमाना नहीं माना जा सकता है। कोरोना का हर वैरिएंट चिंताजनक नहीं है, ऐसे में फिलहाल ऐसे कयास नहीं लगाए जा सकते, हालांकि सभी लोगों को सावधानी बरतते रहना चाहिए।
संक्रमण से बचाव के उपाय करना जरूरी

केंद्र सरकार ने जारी किए निर्देश

कोरोना के बढ़ते मामलों के देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया गया है कि वे इसके प्रसार को रोकने के लिए सभी आवश्यक प्रयास करें। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक पत्र में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महामारी की स्थिति को “नियंत्रित’ करने के प्रयास करने को कहा है।
वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से मामलों में उछाल देखा जा रहा है ऐसे में सभी लोगों को व्यक्तिगत रूप से भी संक्रमण के प्रसार को रोकने और इससे बचाव के उपाय करते रहने चाहिए। प्रसार को नियंत्रित करने में मास्क पहनना सबसे प्रभावी उपाय माना जाता रहा है। 

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