चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने तालिबान को ललचाते हुए कहा कि चीन बीआरआई के जरिए अफगानिस्तान की विकास को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। सीपीईसी के अफगानिस्तान तक विस्तार होने से अफगानी सामान पर लगने वाला 98 फीसदी का टैरिफ घटकर शून्य हो जाएगा। इतना ही नहीं, इसके जरिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को चीन में आयात बी किया जाएगा।
ताशकंद: चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में अफगानिस्तान को शामिल करने के लिए चीन और पाकिस्तान दोनों बेचैन हैं। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने ताशकंद में तालिबानी विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के साथ मुलाकात में सीपीईसी के विस्तार को लेकर चर्चा भी की है। इस दौरान चीनी विदेश मंत्री ने पाई-पाई के लिए तरस रहे तालिबान को अरबों डॉलर के कर्ज का हसीन ख्वाब भी दिखाया। चीन ने कहा कि अगर तालिबान इस परियोजना में शामिल होता है तो उसे बुनियादी ढांचा विस्तार के लिए अरबों डॉलर का कर्ज मिल सकता है। हालांकि, तालिबान की तरफ से सीपीईसी में शामिल होने को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
एससीओ सम्मेलन में दोनों नेताओं की हुई मुलाकात
चीनी विदेश मंत्रालय ने बताया कि विदेश मंत्री वांग यी ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से एससीओ विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर मुलाकात की है। इस दौरान वांग यी ने कहा कि वो इस साल अफगान विदेश मंत्री मुत्ताकी से चौथी बार मिल रहे हैं, जो पारंपरिक दोस्ती को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में भूकंप के दौरान भूमि, समुद्र और हवाई मार्गों के माध्यम से तुरंत की गई सहायता ने हमारी दोस्ती में एक नया अध्याय लिखा है।
चीन ने सीपीईसी से फायदा दिखा तालिबान को ललचाया
वांग यी ने तालिबान को ललचाते हुए कहा कि चीन बीआरआई के जरिए अफगानिस्तान की विकास को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। सीपीईसी के अफगानिस्तान तक विस्तार होने से अफगानी सामान पर लगने वाला 98 फीसदी का टैरिफ घटकर शून्य हो जाएगा। इतना ही नहीं, इसके जरिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को चीन में आयात बी किया जाएगा।
तालिबान ने नहीं खोले पत्ते, सिर्फ पुराने वादों को दोहराया
हालांकि, तालिबान सरकार की तरफ से विदेश मंत्री मुत्ताकी ने अपने पत्ते नहीं खोले। उन्होंने अफगानिस्तान को समय पर आपातकालीन सहायता देने के लिए चीन को धन्यवाद दिया। मुत्ताकी ने वादा किया कि अफगान सरकार एक चीन नीति का पालन करना जारी रखेगी और अपने इलाके का इस्तेमाल चीन विरोधी गतिविधियों में होने नहीं देगी।